राष्ट्रनायक न्यूज। हाल ही में किरण राव और आमिर खान ने घोषणा की कि वे सहमति से अलग हो रहे हैं। इस अलगाव का उनके बच्चे आजाद राव खान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दोनों मिलकर उसे पालेंगे। बताते चलें कि आजाद का जन्म सरोगेसी के जरिये हुआ है। और जब इस बच्चे के नाम में माता-पिता दोनों का सरनेम जोड़ा गया था, तो लोगों ने इसे अच्छी पहल माना था। यह भी बताया जाता है कि आमिर की पहली शादी से हुए दोनों बच्चों-जुनैद और इरा से भी किरण के बहुत अच्छे संबंध हैं।
शायद हमारे पाठकों को याद हो कि आमिर खान की पहली फिल्म कयामत से कयामत तक जब तक रिलीज नहीं हुई, उन्होंने रीना दत्ता से अपने विवाह को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया था। रीना उनकी बचपन की दोस्त थीं। जैसे-जैसे सफलता मिली आमिर का नाम उनके साथ काम करने वाली बहुत-सी स्त्रियों से जोड़ा जाने लगा। और अंतत: रीना और वह अलग हो गए। एक बार उनकी शादीशुदा जिंदगी में इस बात से भी तूफान आया था, जब पूजा भट्ट ने कहा था कि उन्हें अपने सभी बॉयफ्रेंडस में आमिर के साथ संबंध सबसे ज्यादा पसंद रहे। तब आमिर विवाहित थे और पूजा के साथ एक फिल्म में काम करते दोनों की नजदीकियां बढ़ी थीं।
किरण राव से भी जब उनकी शादी हुई, तो कुछ वैसे ही बयान आए जैसे कि अक्सर आते हैं कि दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। कई बार यह सोचकर आश्चर्य होता है कि जो एक-दूसरे के लिए बने थे, वहां अचानक ऐसा क्या हुआ कि अब दोनों का साथ रहना मुश्किल हो गया। हालांकि इन दिनों यह भी सच है कि कोई भी संबंध जीवन भर के लिए नहीं होता। पहले अक्सर संबंध कटुता के बावजूद बच्चों के भविष्य को देखते हुए चल जाते थे। इसके अलावा महिलाएं पूरी तरह से पुरुषों पर निर्भर थीं, इसलिए तमाम तरह के अपमान झेलते हुए भी, वे घर छोड़कर जाना नहीं चाहती थीं।
लेकिन अब वक्त बदल गया है। शादी के बीस-तीस साल बाद भी लोग अलग हो रहे हैं। आमिर की भी दोनों शादियां पंद्रह साल चली हैं। कौन किसके साथ रहना चाहता है, या नहीं चाहता है, यह उसका अपना निर्णय है। आश्चर्य उनके अलग होते वक्त दिए गए बयानों से होता है। जैसा कि हाल ही में मिलिंडा और बिल गेट्स ने अलग होने की सूचना देते वक्त कहा था कि वे दोनों अच्छे दोस्त हैं। वे बच्चों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। और सिर्फ आमिर और किरण ही क्यों, फरहान अख्तर, अधुना भम्बानी, दिया मिर्जा, साहिल संघा, मलाइका अरोड़ा खान, अरबाज खान, आदि ने ऐसे ही बयान दिए थे। दशकों पहले अंग्रेजी की एक बहुत ही मशहूर फिल्मी पत्रिका में शेखर कपूर के बारे में पढ़ा था कि वह अपने लव अफेयर्स के बारे में शबाना आजमी से राय लेते हैं। शबाना उनकी पूर्व महिला मित्र थीं।
यह बात अक्सर महसूस होती है कि जब रिश्ता इतना अच्छा था, प्यार और सम्मान से भरा था, इससे बहुत कुछ सीखने को भी मिला, तो इतने वर्षों के बाद अलग होने की जरूरत क्यों आन पड़ी। या कि यह खबरों में रहने के लिए मात्र एक रणनीति भर है? फिल्म जगत में ऐसे लोगों की भरमार है, जो रिलेशनशिप एक्सपर्ट बने हुए हैं। अखबारों-पत्रिकाओं में आलेख लिखते हैं और रिश्तों की मजबूती के गुर बताते हैं। लेकिन उनके निजी जीवन की कथाएं कुछ और होती हैं। आमिर खान भी सत्यमेव जयते में काफी ज्ञान देते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव को असहिष्णुता बढ़ने के कारण भारत में रहने से डर लग रहा था। पता नहीं, अब उनके डर का क्या होगा! वैसे बड़े लोगों के लिए रिश्ता सामाजिक उपयोग की ‘अद्भुत वस्तु’ है, महानता के इश्तेहार लगाए जाते हैं। अमेरिका तक में भी जहां तलाक आदि सामान्य बात है, बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन ने उनके आचरण पर उनका साथ देकर अमेरिकी समाज में परिवार संस्था की ऊंचाई लूटी, फिर जब दौर बदला, तो पत्नी का दर्द बांटकर सहानुभूति और वाहवाही, दोनों बटोर ली और अंत में राजनीतिक लक्ष्य प्राप्ति के साथ क्लिंटन परिवार ने पूणार्हुतिदी।


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