नई दिल्ली, (एजेंसी)। वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर में मेरठ में मरीजों को आॅक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। 30 जुलाई तक 6 हजार बेडों तक सीधे ऑक्सीजन सप्लाई होगी। मेरठ मंडल के सभी 6 जिलों में 53 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट केवल सरकारी अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं। बता दें, कोरोना की दूसरी लहर में हुई ऑक्सीजन की कमी से सबक लेते हुए यह तैयारी की गई है। कोविड की तीसरी लहर अगस्त में आने की संभावना है। उससे पहले ही मेरठ के हर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (?सीएचसी), पीएचसी को ऑक्सीजन से लबालब करने पर काम चल रहा है। जिससे तीसरी लहर में ऑक्सीजन की क्राइसेस न हो सके।
मेरठ मंडल के सभी 6 जिलों के सीएचसी, पीएचसी, अर्बन हेल्थ सेंटर्स सहित जिला अस्पताल, मेडिकल अस्पतालों कुल 53 केंद्रों पर आॅक्सीजन की पूरी व्यवस्था की जा रही है। इनसे हटकर निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित हो रहे हैं। मंडल में 53 सरकारी अस्पतालों में 6189 बेडों पर मरीजों के लिए 20, 939 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी। सांसद निधि, विधायक निधि, निजी कंपनियों के सीएसआर फंड, डीआरडीओ की मदद, नेफ, एमएलसी निधि, पीएम केयर फंड, प्रदेश सरकार के बजट से ये ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो रहे हैं। मेरठ के सैन्य अस्पताल में डीआरडीओ द्वारा 1 हजार बेडों पर ऑक्सीजन सप्लाई के लिए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है। जिसके लिए सिविल वर्क पूरा हो चुका है। अब डीआरडीओ प्लांट स्थापित करने का तकनीकि वर्क कर रहा है। सीएचसी, पीएचसी में शुगर मिल और उद्यमियों की ओर से भी ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। हाल ही में दौराला शुगर मिल ने दौराला सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगाया है जिसका शुभारंभ हो चुका है।
अगस्त में तीसरी लहर आने के संकेत दे रहे हैं। डब्लयूएचओ के मुताबिक, डेल्टा प्लस वैरिएंट के आने से तीसरी लहर के जल्दी आने का खतरा बढ़ा है। माना जा रहा है कि यह तीसरी लहर की दस्तक है। जिस तेजी से देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़े है उससे तीसरी लहर काफी खतरनाक मानी जा रही है। इसलिए जिलों को अलर्ट मोड पर रहना होगा। हर तैयारी 30 जुलाई तक पूरी करनी होगी।


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