राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

दार्जिलिंग की छोटी-सी मगर बेहद ही खूबसूरत सैरगाह है मिरिक

राष्ट्रनायक न्यूज। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले की छोटी-सी सैरगाह मिरिक समुद्रतल से पांच हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। सीढ़ीदार चाय बागानों का मनोहारी दृश्य, खुशबुदार गदराए संतरों के बगीचे, झील का शांत जल, लंबे घने पेड़ों से छन कर आती हवा के झोंके किसी भी पर्यटक को प्रकृति से रूबरू होने का समुचित अवसर प्रदान करते हैं। दार्जिलिंग आए पर्यटकों को इस स्थान की सैर अवश्य करनी चाहिए।

मिरिक लेक- यह एक प्राकृतिक झील है। इस पर बना पुल इंजीनियरी दक्षता का सुंदर नमूना है। सवा किलोमीटर लंबी इस झील की छटा चांदनी रात में देखते ही बनती है। इस झील की गहराई 3 फुट से 27 फुट तक है। झील में नौका विहार की सुविधा है और मछली पकड़ने की भी। मिरिक झील की सुंदरसलोनी मछलियों को देख कर सैलानी दंग रह जाते हैं।

प्रात उठाये नौका विहार का आनंद: दस बजे से सायं चार बजे के बीच कभी भी नौका विहार का आनंद उठाया जा सकता है। मिरिक लेक के किनारे ही गगनचुंबी वृक्षों की भरमार है। इनकी शोभा मन को मोह लेती है। इन घने वृक्षों के बीच से ऊपर पहाड़ की ओर जाने के लिए कई रास्ते भी बने हुए हैं। मिरिक लेक के पास ही पुल के दूसरी ओर ऊंचाई पर लगभग 10 मिनट चढ़ने के बाद छह-सात छोटे-छोटे मंदिरों का समूह दिखता है। यह स्थान ‘देवी स्थान’ के नाम से जाना जाता है। चारों ओर घने वृक्षों से घिरे होने के कारण इसका सौंदर्य और भी बढ़ जाता है। चाय बागान- मिरिक क्षेत्र में कई चाय बागान भी हैं। यहां से सबसे निकटस्थ चाय बागान और सबसे ज्यादा नामी चाय बागान है- थर्बो चाय बागान।

रामीटेदारा- यह मिरिक का एक महत्वपूर्ण व्यू पाइंट है। यहां बड़े तड़के से लोग सूर्योदय देखने हेतु जमा होने लगते हैं। यहां से सूर्यास्त देखने का भी अपना एक अलग मजा है। रामीटेदारा से आप पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों के हसीन एवं दिलकश नजारों का अवलोकन कर सकते हैं। रामीटेदारा तक आप पैदल भी पहुंच सकते हैं, हालांकि झील के पास से यहां तक पहुंचने के लिए वाहन की भी व्यवस्था है। संतरा बागान- सिलीगुड़ी से मिरिक जाते समय संतरे के कुछेक पेड़ रास्ते में जहां-तहां देखने को मिल जाते हैं। लेकिन संतरे के बागान मिरिक से चार किलोमीटर दूर हैं। मिरिक क्षेत्र में बड़े व्यापक पैमाने पर संतरे की खेती की जाती है। वहां के गांवों के तमाम लोगों के जीविकोपार्जन का मुख्य स्रोत संतरा व्यावसाय है। संतरा बागान के कर्मचारी एवं स्थानीय ग्रामीण अपने यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की खूब आवाभगत करते हैं।

ऊपर बताए गए स्थलों के अलावा आप देवसीदारा व्यू पाइंट, राइढ़प पिकनिक स्थल, मिरिक मोनेस्ट्री आदि भी देखने जा सकते हैं। मिरिक में मिरिक लेक के पास एक खूबसूरत हराभरा समतल मैदान भी दर्शनीय है। किसी पर्वतीय सैरगाह में ऐसा मैदान दुर्लभ है। मिरिक से कुछ दूर नेपाल की सीमा पर बहुत ही बढ़िया बाजार है। यहां से विदेशी सामानों की खरीददारी भी की जा सकती है। कैसे जाएं- मिरिक सड़क मार्ग द्वारा दार्जिलिंग, खर्सियांग, सिलीगुड़ी आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। सिलीगुड़ी या न्यू जलपाईगुड़ी तक पहुंचने के लिए देश के विभिन्न भागों से रेल एवं बस सेवा उपलब्ध है। कहां ठहरें- मिरिक में ठहरने एवं खानेपीने की उत्तम व्यवस्था है। यहां टूरिस्ट लाज, टूरिस्ट काटेज, टूरिस्ट टेंट्स, डाक बंगला एवं यूथ होस्टल तो हैं ही साथ ही होटलों की संख्या भी अच्छी खासी है। कब जाएं- वर्षा के महीनों को छोड़कर मिरिक की यात्रा किसी भी मौसम में की जा सकती है। यहां गर्मियों में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेंटीग्रेड एवं सर्दियों में अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। सर्दियों के मौसम में यहां जाएं तो अपने साथ ज्यादा मोटे ऊनी कपड़े एवं कंबल इत्यादि न ले जाएं क्योंकि यहां के सभी होटलों में इनकी अच्छी व्यवस्था है।

प्रीटी