नई दिल्ली, (एजेंसी)। मोदी सरकार में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में सड़कों का को विकास हुआ है। यही कारण है कि देश के अलग-अलग नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड लिमिट जल्द ही बढ़ सकती हैं। दरअसल, नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से वाहनों की अधिकतम गति सीमा में संशोधन करने को कहा है। गडकरी की ओर से विभिन्न श्रेणियों की सड़कों के लिए 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार बढ़ाने की बात कही गई है। अधिकारियों को मंत्री की ओर से यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह एक ऐसी व्यवस्था को तैयार करें जिससे कि एक निश्चित मार्ग पर स्पीड लिमिट में समानता बरकरार रहे। साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि कम दूरी वाली सड़को में भी स्पीड लिमिट को लेकर दिए जाने वाले दिशानिदेर्शों में बार-बार बदलाव ना देखना पड़े।
वर्तमान की बात करें तो राष्ट्रीय राजमार्गों पर अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटे है जबकि एक्सप्रेसवे पर यह लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाती है। लेकिन इसमें भी सच्चाई है कि राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों के पास अपने अधिकार क्षेत्र वाले राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर गति सीमा को निर्धारित करने का अधिकार है। इसी वजह से राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों में हम अलग-अलग गति सीमा देखते हैं। गडकरी ने मंत्रालय में समीक्षा बैठक के दौरान और भी कई निर्देश दिए। शहरों में सड़कों के एक हिस्से पर अलग-अलग स्पीड लिमिट से वाहन चालकों को परेशानी होती है। इसके लिए भी कुछ मानक तय करने के निर्देश दिए गए हैं। साइनबोर्ड को भी बढ़ाने के निर्देश दिए गए है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्मार्ट सिटी, टाउनशिप, लॉजिस्टिक पार्क और औद्योगिक संकुल के निर्माण की अनुमति के लिये मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा। डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि उनका उद्देश्य वैश्विक स्तर का राजमार्ग नेटवर्क तैयार करना है। राजमार्ग मंत्रालय ने बुनियादी ढांचा के लिये पूंजी प्राप्त करने को लेकर मौजूदा राजमार्ग परियोजनाओं को बाजार पर चढ़ाने की योजना तैयार की है। गडकरी ने कहा, ‘‘और अब हमने राजमार्ग के किनारे टाउनशिप, स्मार्ट सिटी, लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक संकुल बनाने की मंजूरी के लिये मंत्रिमंडल नोट तैयार किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सड़कों के किनारे लोगों की आरामदायक यात्रा के लिये 400 से अधिक विभिन्न प्रकार की सुविधाएं तैयार कर रहे हैं।’’ मंत्री ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय 2.5 लाख करोड़ रुपये की सुरंगें बनाने की योजना बना रहा है। गडकरी के अनुसार नवोन्मेष और अनुसंधान के माध्यम से गुणवत्ता से समझौता किए बिना सड़क निर्माण में स्टील और सीमेंट का उपयोग कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क उपकरण मशीनरी में सीएनजी, एलएनजी और एथेनॉल का उपयोग किया जाना चाहिए। मंत्री ने आयात में कमी लाने, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी तौर-तरीकों तथा वैकल्पिक ईंधन के विकास पर जोर दिया।
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