नई दिल्ली, (एजेंसी)। बिहार विधान परिषद के 20 सदस्यों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है जबकि 4 सीट पहले से ही खाली पड़ी है। ऐसे में आज यानी 16 जुलाई को 24 सीटें खाली हो जाएंगी। इसका मतलब साफ है कि 75 सीटों वाली बिहार विधान परिषद में 51 सदस्य ही बच जाएंगे। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा और जदयू दोनों की संख्या घटकर आधी हो जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। जिन 20 एमएलसी का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें मनोरमा देवी, संतोष कुमार सिंह, टुन्ना जी पांडे, राधाचरण शाह, रीना यादव, सच्चिदानंद राय, रजनीश कुमार, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरीनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल और संजय प्रसाद शामिल हैं।
इनके अलावा आदित्य नारायण पांडे, सुमन कुमार, नूतन सिंह और राजेश राम का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है। वर्तमान में दिक्कत यह है कि इन सीटों के लिए चुनाव नहीं हो सकेंगे। इसका कारण यह है कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव टाल दिए गए हैं। इसका असर स्थानीय निकाय द्वारा चुने जाने वाले विधान परिषद के चुनाव पर भी पड़ा है। विधान परिषद पहुंचने के लिए नेताओं को स्थानीय निकाय से निर्वाचित होकर राज्य के उच्च सदन में पहुंचना होता है। इन चुनाव में ग्राम पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य जिला परिषद के सदस्य द्वारा किया जाता है। इनमें नगर पंचायत, नगर पार्षद और नगर निगम के भी निर्वाचित सदस्यों को शामिल किया जाता है।
कोरोना वायरस के चलते बिहार में फिलहाल पंचायत चुनाव टाल दिए गए है जिसकी वजह से अब विधान परिषद के खाली सीटों के लिए भी समय पर चुनाव नहीं हो सकेंगे। जब तक बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं हो जाते तब तक इन 24 सीटों के लिए चुनाव नहीं हो पाएंगे। ऐसे में अब विधान परिषद की संख्या बल में काफी गिरावट देखी जाएगी। जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें सबसे ज्यादा भाजपा के हैं। इसके अलावा जदयू को भी कुछ सीटों का नुकसान होगा। कांग्रेस और आरजेडी के भी एक-एक एमएलसी की संख्या कम होगी। हालांकि अब भी बिहार विधान परिषद में इंडिया का पल्ला भारी रहेगा।


More Stories
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चमार रेजिमेन्ट बहाल करो संघर्ष मोर्चा की हुई बैठक, प्रदेश व जिला कमिटी का हुआ गठन
भारत में भ्रष्टाचार और अपराध के कारण तथा उनका निवारण