नयी दिल्ली, (एजेंसी)। दिल्ली की एक अदालत ने नकली कॉल सेंटर चलाने और विदेशी नागरिकों के कंप्यूटरों तक दूर से पहुंच प्राप्त कर उन्हें धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार 21 लोगों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे कार्य देश की छवि खराब करते हैं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अश्वनी पंवार ने कहा कि साइबर अपराधों में वृद्धि, समाज के लिए एक गंभीर खतरा है, विशेष रूप से ऐसे मामलों में जहां भोले-भाले लोगों को फर्जी योजनाओं में फंसाया जाता है और उनकी मेहनत की कमाई को ठगने के लिए एक नेटवर्क संचालित किया जाता है।
न्यायाधीश ने अपने 15 जुलाई के आदेश में कहा, ह्लइतना ही नहीं, ऐसी घटनाएं हमारे देश की छवि को खराब करती हैं क्योंकि ये फजीर्वाड़ा कथित तौर पर विदेशी नागरिकों के साथ किया गया जिनमें से ज्यादातर अमेरिकी नागरिक थे।ह्व यह देखते हुए कि सभी आरोपियों ने सोच-समझकर कॉल सेंटर चलाने पर सहमति दी थी, अदालत ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा मामले में जांच शुरूआती दौर में है और सह-आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी कॉल सेंटर संचालित करते हुए पाए गए जहां वे धोखाधड़ी में लिप्त थे और अमेजन समाधान ग्राहक सेवाएं देने के नाम पर विदेशी नागरिकों से संपर्क करते थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी लोगों के कंप्यूटर सिस्टमों तक दूर से पहुंच पाकर लोगों को ठगते थे और फिर उन्हें अमेजन कूपन या गिफ्ट कार्ड भुनाकर धोखा देते थे जो वे नकली सेवाएं प्रदान करने के बदले लोगों से खरीदवाते थे। हालांकि, आरोपियों के वकीलों ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल कम उम्र के हैं, पूर्व में उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं रहा है और उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।


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