संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। शनिवार की सुबह से ही रुक-रुककर हो रही बारिश से किसानो के चेहरे खुशी से खिल उठे है। बारिस शुरू होने के साथ ही किसान भाई धान की रोपनी में जुट गए है। जून महीने के प्रथम पखवाड़े में औसत से अधिक बारिस होने की वजह से ज्यादातर किसानों के धान के बिछड़े बर्बाद हो गए थे। बावजूद इसके किसानों ने दुबारा से हिम्मत जुटाकर बिचड़ा डाला। जो करीब-करीब तैयार हो चुके है। अब जबकि मॉनसूनी बारिस शुरू हो चुकी है, तो किसान भाई अपने परिजनों के साथ मिलकर जल्द से जल्द धान की रोपनी समाप्त करने को लेकर जी जान से जुट गए है। इधर कुछ किसानों ने उपरवार खेतों में पम्पिंग सेट चलाकर एक सप्ताह पूर्व धान की रोपनी किये थे।जो कड़ी धुप की वजह से मुरझा रहे थे,उन पौधों में अब हरियाली आने की उम्मीद जगी है।बारिस होने के साथ ही किसान पूर्व के फसलो में यूरिया एवं खरपतवार नाशी दवाओ के छिड़काव करने की तैयारी में भी जुट गये है। अनुभवी किसानो की माने तो ये बारिस वैसे उपरवार खेत जहाँ पानी का ठहराव ज्यादा समय तक नहीं होता,उसके लिये काफी फायदेमंद है। अब धान के पौधे में तेजी से बृद्धि होने की उम्मीद है। इधर बारिस की वजह से लोगों को उमस भरी गर्मी से भी राहत मिली है। साथ ही आसमान में बादल छाए रहने से मौसम भी सुहाना बना हुआ है।
मक्के के पौधे को भी मिली राहत,छाई हरियाली।
इस बार अत्यधिक बारिस की वजह से ज्यादातर खेतों में मक्के की बुआई नही हो सकी है।इसके बाद भी कुछ किसानों ने ऊँचाई वाले खेतों पर एक पखवाड़े पूर्व मक्के की बुआई किये थे।बिगत कुछ दिनों से बारिस नही होने से मक्के के पौधे तपती धुप और नमी गायब होने से सूखने लगे थे। वारिस होने से जहाँ पौधों की रौनक बदल गई वही हरियाली छाने से किसानो में भी बेहतर उत्पादन की उम्मीद जगी है।किसान मक्के के खेत में उपजे खरपतवार को निकालने के लिये निकौनी करने में जुटे है।


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