राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। अंतर्राष्ट्रीय भूगोल संघ के महासचिव सह कोषाध्यक्ष, दिल्ली विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रामबाबू सिंह की हृदय गति रुकने से दिल्ली के एक अस्पताल में गुरुवार सुबह 3.20 बजे निधन हो गया। प्रो. सिंह सारण जिले के मझनपुरा-मांझी के निवासी थे। सरस्वती जी की असीम कृपा के धनी के बड़े भाई प्रो. राणा पीबी सिंह भी भूगोल विषय के प्रकांड विद्वान हैं, जो पिछ्ले वर्ष ही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से भूगोल विषय के विभागाध्यक्ष पद से अवकाश प्राप्त किये हैं। अपने पीछे छोटे भाई रामाकांत सिंह, जो स्थानीय डा.पी एन सिंह डिग्री महाविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, के अलावा बेटा डा. मनीष सिंह, जो फ्रांस में इंजीनियर हैं। बड़ी पुत्री प्रो. अंजु सिंह, जो अदिति महाविद्यालय, दिल्ली में भूगोल की प्राध्यापिका हैं। दूसरी बेटीयां अनु सिंह, यूएसए में इंजीनियर के रुप में कार्यरत हैं, को इन्होंने छोड़ा है। प्रो. सिंह विगत दो-तीन वर्षोंं से किडनी और लीवर की बिमारी से जुझ रहे थे। तथापि अपनी सक्रियता में कमी नहीं आने दिया था। पिता स्वतंत्रता सेनानी स्व. जगदीश सिंह के नक्शे-कदम पर चलते हुए इन्होंने अपने भीतर गांव को भी जीवित रखा और भारत के भूगोल को विश्व में स्थापित करने हेतु जीवनपर्यन्त संघर्षशील रहे। भारत में आधुनिक भूगोल के भिन्न-भिन्न विभागों यथा रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण, फूड प्रोसेसिंग जैसे विषयों को भारत के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल कराने का श्रेय इन्हीं को जाता है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार ने इन्हें प्रशिक्षण प्राप्ति हेतु जेनेवा भेजा था, जो एकमात्र भारतीय प्रशिक्षणकर्ता के रुप में थे। हालिया दिनों में आयरलैंड, डेनमार्क, जापान आदि देशों का इनका बिमारी के हालत में ही करना पड़ा था। इनके शोध परक लेख विश्व भूगोल के जर्नल में भले पड़े हैं। इनके द्वारा प्रशिक्षित विद्यार्थियों में हजारों प्राध्यापक और भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी आज भारत के कोने-कोने में इनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आज इस घटना से स्तब्ध हैं। 28 फ़रवरी 1955 को जन्में श्री सिंह पिछले ही वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय से अवकाश ग्रहण किये थे।भारत सरकार की पंचवर्षीय योजनाओं के विस्तार के लिए नीति आयोग की बैठकें इनके बिना अधूरी मानी जाती थी। परिजनों ने दूरभाष पर बताया है कि सारे संस्कार दिल्ली ही में संपन्न किया जायेगा। तथापि आज मांझी और मझनपुरा अपने लाल की मृत्यु पर शोकाकुल है। इनके निधन पर सारण स्नातक क्षेत्र के विधान पार्षद प्रो. वीरेंद्र नारायण यादव, विधायक श्रीकांत यादव, प्रो. अजीत कुमार सिंह, शिक्षक नेता विद्यासागर विद्यार्थी, प्रकाश कुमार सिंह, सारण स्थानीय निकाय एमएलसी प्रत्याशी सुधांशु रंजन, एकमा के प्रसिद्ध चिकित्सक व समाजसेवी डॉ. सत्यदेव प्रसाद यादव, शिक्षक कमल कुमार सिंह सेंगर, डॉ. शशि भूषण शाही, शिक्षक नेता अरविंद कुमार, पत्रकार वीरेश सिंह, मनोज सिंह, वीरेन्द्र कुमार यादव, अमित कुमार सिंह, संजीव शर्मा आदि ने अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।


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