संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। बोर्ड द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक की राशि वसूल किये जाने से छात्र- छात्राओं में आक्रोश व्याप्त है। मामला प्रखण्ड के उच्च विद्यालय कोल्लूआ का है। छात्रों की शिकायत है कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा नौवीं वर्ग की पंजीयन शूल्क के नाम पर अवैध वसूली किया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि उच्च विद्यालय कोल्हुआ में प्रति छात्र 30 से 40 रुपये की अधिक राशि वसूल किये जा रहे हैं।विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि नौवीं में रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति छात्र 320 रुपये बोर्ड द्वारा निर्धारित किया गया है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।विद्यालय की छात्रा सरिता कुमारी, काजल कुमारी, रिमझिम कुमारी, सुमित कुमार, रवि कुमार सहित दर्जनों ने बताया कि 30 रुपये ऑनलाइन के नाम पर अवैध लिए जा रहे हैं।वहीं फॉर्म का शुल्क दस रुपये रखा गया है।जबकि जिरोक्स फार्म एक रुपये में मिल सकता है।उसका दस रुपये शूल्क निर्धारित कर विद्यालय प्रबंधन छात्रों का आर्थिक दोहन कर रही है। कोरोना जैसे माहामारी में अभिभावकों का कामकाज बन्द होने से छात्र छात्रा पहले से ही परेशान हैं। अब पंजीयन के नाम पर मनमाने शुल्क वसूल किये जाने से इनकी परेशानी और बढ़ गई है।अधिक शुल्क वसूली के विरोध पर छात्रों को शिक्षकों का कोपभाजन भी होना पड़ता है। जिससे कई छात्र इसका खुलकर विरोध भी नहीं कर पाते हैं। उच्च विद्यालय कोल्हुआ में नौवीं में नामंकित कुल 600 से अधिक छात्र छात्रा हैं।जिनमें अबतक 375 छात्रो का पंजीयन फार्म भरा जा चुका है।छात्रों ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा शुल्क प्राप्ति का कोई रसीद नहीं दिया जाता है।जिससे शुल्क की वास्तविक जानकारी छात्रों या अभिभावकों को हो सके। जानकारों की माने तो विद्यालयों में निर्धारित शुल्क लेने, प्राप्ति रसीद देने तथा परीक्षा व पंजीयन शुल्क की राशि का सूचना पट्ट पर सार्वजनिक करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक विद्यालय के प्रधान को दिया गया है। सूचनापट्ट पर शूल्क के सार्वजनिक करने से पारदर्शिता बनी रहती है। लेकिन विद्यालय प्रधानों द्वारा विभाग की निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा हैं। विद्यालय प्रधानों को डर रहता है कि अगर वे रसीद देंगे तो उनकी पोल खुल जाएगी। इस सम्बन्ध में उच्च विद्यालय कोल्हुआ के एचएम विजय शंकर तिवारी ने बताया कि पंजीयन फार्म को ऑनलाइन फिलअप करने में भी अतिरिक्त खर्च का वहन करना पड़ता है। इसकेे बाद भी कई तरह के खर्च हैं जिसे विद्यालय प्रबंधन को चुकाना पड़ता है। अतिरिक्त खर्च होने के कारण ही छात्रों से निर्धारित शूल्क से तीस रुपये अधिक ली जा रही है।


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