राष्ट्रनायक न्यूज

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एएनएम सुनीता के नाम दर्ज है जिले में सबसे अधिक लोगों को कोरोना टीका लगाने का रिकार्ड

  • अभियान के शुरुआती दौर से सदर अस्पताल परिसर स्थित सत्र स्थल पर अनवरत दे रहीं अपनी सेवाएं
  • ड्यूटी के दौरान हुई संक्रमण की शिकार, मात्र 10 दिनों में संक्रमण को मात देकर टीकाकरण संबंधी अपने काम में जुटी
  • कोरोना टीका का एक भी डोज नहीं होने दिया बर्बाद, अब तक एएफआई का एक भी मामला नहीं

राष्ट्रनायक न्यूज।

अररिया (बिहार)वैश्विक महामारी के दौरान कई स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा व समर्पण की एक से बढ़ कर एक मिसाल हमारे सामने पेश की है। टीकाकरण अभियान की सफलता में एएनएम सुनीता की भूमिका भी किसी मिसाल से कम नहीं। सदर अस्पताल परिसर स्थित टीकाकरण सत्र स्थल पर एएनएम सुनीता कुमारी अभियान के शुरुआती दौर से ही निरंतर अपनी सेवाएं दे रही हैं। साप्ताहिक कार्य दिवस के अतिरिक्त टीकाकरण को लेकर आयोजित विशेष अभियान के दौरान भी उनकी भूमिका अब तक बेहद सराहनीय रही है। उक्त सत्र पर अब तक 14,959 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है। इसमें अधिकांश लोगों को कोरोना टीका लगाने का श्रेय सुनीता कुमारी को प्राप्त है। डीआईओ कार्यालय में उपलब्ध आँकड़े  भी इसका प्रमाण हैं। आंकड़ों के मुताबिक सुनीता द्वारा अब तक 10 हजार से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। इसमें उनकी सहयोगी एएनएम कल्पना कुमारी की भूमिका को भी सराहा जा रहा है।

टीका के एक भी डोज को नहीं होने दिया बर्बाद, एएफआई का भी कोई मामला नहीं :

जिले में टीकाकरण अभियान की शुरूआत 16 जनवरी को हुई। सुनीता उसी समय से उक्त सत्र स्थल पर प्रतिनियुक्त हैं। उनके अन्य सहयोगी एएनएम के ड्यूटी में बदलाव होता रहा। एएनएम कल्पना कुमारी काफी दिनों तक उनके सहयोगी के तौर पर रही हैं। टीकाकरण मामले में सुनीता की उपलब्धियों का सिलिसला यहीं नहीं थमता। डीआईओ डॉ मोईज के मुताबिक सुनीता ने अपनी ड्यूटी के दौरान कोरोना टीका के एक भी डोज को अब तक बर्बाद  नहीं होने दिया है। जब कभी भी बर्बादी (वेस्टेज) को लेकर समस्या खड़ी हुई तो शहर में संचालित अन्य सत्र स्थलों पर उन्होंने अपने सहयोगियों से संपर्क कर लोगों को टीकाकरण के लिये सदर अस्पताल बुलाया। ताकि टीका का एक भी खुराक को बर्बाद होने से रोका जा सके। कई दफा उन्होंने बचे हुए टीका के डोज को खत्म करने के लिये अपने परिचितों को ही सत्र स्थल पर टीकाकरण के लिये बुलाया। खासबात ये कि सुनीता द्वारा कोरोना का टीका लगाने के बाद एएफआई का एक भी मामला अब तक सामने नहीं आया है।

संक्रमण को मात देकर  दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटी :

अपने जिम्मेदारियों के निवर्हन के क्रम में बीते 12 मई को सुनीता खुद कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गयी। सुनीता बताती हैं कि संक्रमित होने के बावजूद शतप्रतिशत लोगों के टीकाकरण को लेकर उनका संकल्प कहीं से भी प्रभावित नहीं हुआ। मजबूत हौसले के दम पर संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों को मात देकर सुनीता दोबार अपनी ड्यूटी पर लौटी और टीकाकरण संबंधी अपने कार्य में जुट गयी। सुनीता ने बताया कि जिला मुख्यालय के प्रमुख टीकाकरण केंद्र होने के कारण इसे एक नजीर के तौर पर पेश करना उनका मकसद रहा है। लिहाजा टीकाकरण के लिये आने वाले लोगों को आपस में पर्याप्त दूरी बनाये रखने, मास्क का उपयोग करने के लिये भी वे लगातार प्रेरित करती रही हैं। संक्रमण के खुद के बचाव को लेकर मास्क का उपयोग उनकी अपनी प्राथमिकताओं में भी शुमार रहा है।

सत्र स्थल पर तैनात अन्य कर्मियों का भी मिला अपेक्षित सहयोग :

सुनीता ने बताया कि टीकाकरण संबंधी कार्यों में सत्र स्थल पर तैनात अन्य कर्मियों का भी उन्हें अब तक अपेक्षित सहयोग मिलता रहा है। सत्र प्रभारी अविनाश कुमार, डेटा इंट्री ऑपरेटर सुजीत कुमार, सहित सहयोगी अन्य एएनएम का उन्हें हर संभव सहयोग प्राप्त होता आया है। आम लोगों से प्राथमिकता के आधार पर अपना टीकाकरण सुनिश्चित कराने की अपील करते हुए सुनीता ने कहा कि टीकाकरण से पूर्व कोविन पोर्टल पर अपना पंजीकरण जरूर करायें। पोर्टल पर नाम, पता सहित अन्य खामियों में सुधार का विकल्प भी मौजूद है। लाभुक अगर इन गलतियों में सुधार करते हुए पोर्टल पर अपना पंजीयन सुनिश्चित करायें। फिर निर्धारित तिथि को जरूरी कागजात के साथ सत्र स्थल पर पहुंचे तो टीकाकरण में उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। टीका कर्मियों को भी इससे सहूलियत होगी व अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण संभव हो सकेगा।