राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

अफवाहों को दूर कर शत-प्रतिशत कोविड टीकाकरण के प्रयास में जुटी हैं महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह

  • शुरुआती विरोध के बाद टीकाकरण के महत्व को समझने लगी हैं ग्रामीण अल्पसंख्यक महिलाएं:
  • ड्यूटी के दौरान पहली लहर में संक्रमण की शिकार हुई, संक्रमण को मात देकर फिर जागरूकता संबंधी अपने काम में जुटी:

किशनगंज, 31 जुलाई।

वैश्विक महामारी के दौरान कई स्वास्थ्य कर्मियों के साथ- साथ सामेकित बाल विकास कार्यक्रम के कर्मी भी कंधे से कन्धा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। वर्तमान समय में कोरोना से बचाव को लेकर टीकाकरण चल रहा है। चुनौतियों से भरे इस दौर में कुछ कर्मी जनसेवा व समर्पण की मिसाल बन कर सामने आये हैं। परिवार व समाज की खुशहाली व विकास में महिलाओं की भागीदारी शुरू से ही महत्वपूर्ण रही है। आज महिलाएं सामाजिक स्तर पर हर बड़े बदलाव का सूत्रधार बन रही हैं। समाज के समक्ष खड़ी किसी बड़ी चुनौती के वक्त महिलाएं आगे बढ़ कर अपने नेतृत्व के दम पर इससे निपटने का साहस दिखाने के लिये भी अब आगे आने लगी हैं। क्षेत्र की महिलाओं ने सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के प्रसार को रोकने व बचाव संबंधी उपायों को बढ़ावा देने के प्रयासों में जुटे रह कर अपनी सफलता की मिसाल पेश की है। कोचाधामन सामेकित बाल विकास कार्यक्रम अंतर्गत महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह का नाम भी कुछ ऐसी ही महिलाओं की सूची में शामिल है। वह पोषण सम्बंधित कार्य के अलावा संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने, पीड़ित लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें टीकाकरण के लिये प्रेरित करते हुए पूरे समुदाय को कोरोना से सुरक्षित करने की अपनी भूमिका में अब तक बेहद सफल साबित हुई हैं।

संक्रमण को मात देकर  दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटी:

अपनी जिम्मेदारियों के निवर्हन के क्रम में पहली लहर में प्रीति  कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गयी थी। प्रीति बताती हैं कि संक्रमित होने के बावजूद वे ठीक होकर पुनः सेविका के साथ जागरूकता एवं जांच के कार्य में जुट गयीं। उनका संकल्प कहीं से भी प्रभावित नहीं हुआ। मजबूत हौसले के दम पर संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों को मात देकर प्रीति दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटी और पोषण संबंधी अपने कार्य में जुट गयी। प्रीति बताती हैं कि  कोरोना से जारी लड़ाई में टीकाकरण सभी लोगों के लिए जरूरी है। छह माह में छह करोड़ टीकाकरण के लिए ग्राम वार्ता के तहत महा टीकाकरण अभियान को लेकर लोगों को जागरूक कर ही सफलता हासिल की जा सकती है। लोगों को समझाने तथा टीका लेने के लिए प्रेरित करना होगा। ग्रामवार्ता नियमित रूप से चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि परवरिश योजना से ज्यादा से ज्यादा अनाथ बच्चों, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ बंधन योजना से गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ कर कार्यक्रम को सफल बनाना आसान होगा। लिहाजा टीकाकरण के लिये आने वाले लोगों को आपस में पर्याप्त दूरी बनाये रखने, मास्क का उपयोग करने के लिये भी वे लगातार प्रेरित करती रही हैं। संक्रमण के खुद के बचाव को लेकर मास्क का उपयोग उनकी अपनी प्राथमिकताओं में भी शुमार रहा है।

निरंतर प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं को टीकाकरण के लिये किया राजी:

प्रीति बताती हैं संक्रमण की पहली लहर में हमारे हाथ कुछ भी नहीं था लेकिन दूसरी लहर के आने तक कोरोना टीका के रूप में हमारे पास एक मजबूत हथियार उपलब्ध हो चुका था। जिले में कोरोना महामारी को लेकर शुरू से ही लोगों के बीच असमंजस की स्थिति रही है। यहां तक की गांव में किसी की तबीयत खराब होने बावजूद लोग जांच से कतराते थे। आम लोगों में शिक्षा का अभाव जागरूकता के मार्ग में बाधा थी। वहीं मेहतन मजदूरी कर किसी तरह जीविकोपार्जन में लगे गांव की अधिकांश आबादी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को लेकर अनभिज्ञ बने थे। इधर प्रीति सिंह लगातार प्रखंड व जिला स्तर पर हो रही स्वास्थ्य संबंधी बैठकों में अपनी भागीदारी के कारण महामारी की गंभीरता से बहुत हद तक परिचित हो चुकी थी। उन्होंने ग्रामीणों के इस लापरवाह रवैया में बदलाव की ठानी। बावजूद इसके टीकाकरण के लिये लोगों को जागरूक करने के लिये संचालित अभियान के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि गांव के कुछ लोग जहां कोरोना को कोई रोग मानने को तैयार नहीं थे। जब कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। वहीं बहुत से लोगों के मन टीकाकरण को लेकर व्याप्त संशय अभियान की सफलता में बाधक साबित हो रहा था। लोग टीकाकरण को लेकर सोशल मीडिया पर परोसे जा रहे भ्रामक जानकारियों से प्रभावित थे। बावजूद इसके उन्होंने अपनी जिद नहीं छोड़ी। उन्होंने पंचायत के मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क स्थापित कर लोगों के बीच जागरूकता अभियान के संचालन का निर्णय लिया। ग्रामीण स्तर पर जागरूकता संबंधी बैठकें व चौपाल आयोजित किये गये। क्षेत्र में लगातार जागरूकता संबंधी बैठक का आयोजन ही नहीं किया बल्कि एएनएम एवं आंगनबाडी सेविका के साथ मिलकर गृह भ्रमण के दौरान भी उन्होंने लोगों को जागरूक करने का प्रयास नहीं छोड़ा। कुछ ही दिनों में इसका सकारात्मक परिणाम दिखने लगा। पहले जो लोग टीकाकरण के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे। जागरूकता अभियान से जुड़ कर वे भी अब लोगों को टीकाकरण के लिये प्रेरित करने की मुहिम में जुट गये।