चार माह से ज्याप्रभा सेतु पर ठप्प भारी वाहनों का आवागमन पुनः शुरू होने की लोगों में उम्मीद जग गई है
संजीव कुमार शर्मा। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
मांझी(सारण)। जून माह के अंत तक यूपी बिहार को सड़क मार्ग से जोड़ने वाले जयप्रभा सेतु पर सरपट दौडनें लगेंगे सैकड़ों वाहन। लगभग चार माह से सेतु पर ठप्प भारी वाहनों का आवागमन पुनः शुरू होने की लोगों में उम्मीद जग गई हैं। सीमावर्ती दोनों प्रदेशों के ग्रामीणों में सड़क निर्माण को लेकर बेहद उत्साह है। सेतु के ऊपर पीचिंग का कार्य अंतिम चरण में है। हालांकि अभी सेतु के दोनों तरफ लोहे का बैरियर लगा है ताकि भारी वाहनों को आने जाने से रोका जा सके। छोटे वाहन अब भी सेतु पर चल रहे हैं। मालूम हो कि जयप्रभा सेतु की जर्जर सड़क पर आए दिन हो रही दुर्घटना को ले स्थानीय लोगो द्वारा पुल मरम्मती की आवाज उठ रहे थे ।साथ ही सोशल मीडिया ग्रुप के सदस्यों ने मांझी बलिया मोड़ पर धरना प्रदर्शन आयोजित कर सेतु के ऊपर जर्जर सड़क निर्माण की मांग की थी। तथा निर्माण में विलम्ब किये जाने पर चक्का जाम आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। बाद में आंदोलन से प्रभावित होकर महराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तथा बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने इस मुद्दे को लोकसभा में प्राथमिकता के तौर पर उठाया था। बढ़ते दबाव को देखते हुए सम्बन्धित विभाग ने सेतु के जर्जर सड़क निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये निर्गत किया। और 16 फरवरी को दोनों सांसदों ने विधिवत समारोह करके कार्य का शुभारंभ कर दिया। बावजूद इसके देश भर में जारी लॉक डाउन के कारण करीब दो माह तक निर्माण कार्य पर ग्रहण लग गया। लेकिन अनलॉक होते ही निर्माण कार्य पुनः चालू हो गया। निर्माण में लगे कर्मचारियों ने बताया कि इस माह के अंत तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि बेपरवाह ओवरलोडिंग के कारण सेतु पर आवागमन ठप कर दिए जाने से सीमावर्ती दोनों तरफ की ब्यवसायिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। आवागमन शुरू होने के बाद छपरा तथा बलिया के बीच के ब्यापारिक रिश्ते एक बार पुनः मजबूत होंगे। निर्माण कार्य में लगे कारीगरों ने बताया कि प्रशासन यदि ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाने में कामयाब रहा तो दशकों तक सेतु की सड़क जर्जर नही होगी और राहगीरों को भी कोई परेशानी नही होगी। 36 पायों पर बने ग्यारह सौ साठ मीटर लंबे इस सेतु होकर आने जाने वाले ओवरलोडेड भारी वाहनों के दबाव में डोलते सेतु पर राहगीरों की रूह कांप जाती थीं। हर साल दर्जनों यात्री दुर्घटनाओं के शिकार हुआ करते थे। सड़क के नवीनीकरण से दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लग जायेगा।


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