नयी दिल्ली, (एजेंसी)। सरकार पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं ब्रह्मपुत्र बेसिन क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण के उपायों एवं जल संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के लिए प्राधिकरण स्थापित करने के उद्देश्य से जल्द ही संसद में एक विधेयक पेश करेगी। यह जानकारी जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग ने संसद की जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति को दी है। इससे संबंधित रिपोर्ट पांच अगस्त को लोकसभा में पेश की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने समिति को बताया है कि पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं ब्रह्मपुत्र बेसिन क्षेत्र में जल संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के उद्देश्य से ‘पूर्वोत्तर जल प्रबंधन प्राधिकरण’ की स्थापना के लिए विधेयक लाया जाएगा।
विभाग ने बताया कि मसौदा विधेयक तैयार कर परामर्श के लिए सभी पक्षकारों, संबंधित राज्यों, मंत्रालयों, नीति आयोग को भेजा गया था। इसके अलावा केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की पहल पर पिछले वर्ष मार्च में पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों एवं संबंधित राज्यों के मंत्रियों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसने कहा कि अभी मसौदा कैबिनेट नोट सहित मसौदा विधेयक पर विधि एवं न्याय मंत्रालय विचार कर रहा है तथा संसद में विधेयक को जल्द से जल्द पेश करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मसौदा पूर्वोत्तर जल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र और बराक नदी बेसिन को एकल प्रणाली के रूप में तथा पारिस्थितिकी के अनुरूप एक साझा सामुदायिक संसाधन के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि बेसिन राज्यों को खाद्य सुरक्षा हासिल करने, लोगों की आजीविका में सहायता तथा समान एवं स्थायी विकास सुनिश्चित करने में मदद मिले। इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित विधेयक में संबंधित राज्य अपने-अपने क्षेत्रों में अंतरराज्यीय नदी बेसिन में जल प्रबंधन, विकास और विनियमन समानता के आधार पर एवं स्थायी तौर पर कर सकेंगे बशर्ते कि जल का इष्टतम उपयोग एवं पर्याप्त नदी प्रवाह…नदी बेसिन मास्टर योजना के अनुसार हो।


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