नई दिल्ली, (एजेंसी)। आयकरदाता अब ई-मेल के जरिए भी फेसलेस टैक्स असेसमेंट, जुमार्ना और अपील से संबंधित शिकायत दर्जा करा सकेंगे। इसके लिए आयकर विभाग ने तीन पूरी तरह समर्पित ई-मेल आईडी की सुविधा शुरू की है। आयकर विभाग ने बताया कि इसका मकसद करदाताओं के लिए टैक्स चार्टर के अनुरूप सेवाओं को बेहतर और पारदर्शी बनाना है। विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये ट्वीट कर बताया कि करदाताओं के चार्टर के साथ मेल करते हुए करदाता सेवाओं को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से, आयकर विभाग ने लंबित मामलों के संबंध में शिकायतें दर्ज करने के लिए फेसलेस योजना के तहत समर्पित ई-मेल आईडी बनाई है।
विभाग ने कहा कि करदाता आसानी से ई-मेल आईडी के जरिये शिकायतें दर्ज करा पाएंगे। फेसलेस आकलर प्रणाली के तहत करदाता को आयकर से जुड़े कामों के लिए विभाग के कार्यालय जाने या विभाग के किसी अधिकारी से मिलने की जरूरत नहीं है। एक केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक-आधारित प्रणाली यह पूरा काम करेगी। ई-मेल एड्रेस जारी होने से टैक्सपेयर की सुविधाएं पहले की तुलना में बढ़ जाएंगी क्योंकि वे जल्द अपनी टैक्स शिकायत का निपटारा करा सकेंगे।
करदाता अब नए पोर्टल पर आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग ने अपने पोर्टल को अपडेट कर दिया है। अब इस पर विलंब शुल्क की समस्या खत्म हो गई है। एक सीए ने बताया कि समयसीमा के विस्तार की अधिसूचना ई-फाइलिंग पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई थी, इसलिए इसने धारा 234एफ के तहत उन करदाताओं से विलंब शुल्क लेना शुरू कर दिया, जो 31 जुलाई के बाद आईटीआर दाखिल कर रहे थे। अब विभाग ने अपने पोर्टल को अपडेट किया है, जिसके परिणामस्वरूप पोर्टल विलंब शुल्क नहीं ले रहा है। इस साल कोरोना महामारी के चलते आयकर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया है।
सीबीडीटी ने 1 अप्रैल 2021 से 02 अगस्त 2021 के बीच 21.32 लाख से अधिक करदाताओं को 45,896 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी किया है। आयकर विभाग द्वारा 20,12,802 मामलों में 13,694 करोड़ का रिफंड जारी किया जा चुका है। वहीं, 1,19,173 मामलों में 32,203 करोड़ रुपये कॉपोर्रेट टैक्स रिफंड के रूप में जारी किए गए हैं। करदाताओं को बेहतर सेवा मुहैया कराने के लिए आयकर विभाग तेजी से अपने सेवाओं में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा रहा है। इससे रिफंड से लेकर रिटर्न भरने में सहूलियत मिली है। गौरतलब है कि पिछले साल 13 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आॅनरिंग द आॅनेस्ट’ प्लेटफॉर्म की शुरूआत की थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस प्लेटफॉर्म में कई सुधार किए गए हैं जिनमें फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल हैं। फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर को उसी दिन शुरू कर दिया गया लेकिन फेसलेस अपील की व्यवस्था पूरे देश में 25 सितंबर, 2020 को लागू की गई।
आयकर से जुड़े काम में फेसलेस मूल्यांकन के कई फायदे हैं। यह सुविधा शुरू होने से करदाता और कर विभाग के अधिकारियों के बीच संपर्क बहुत ही कम हुआ है। हालांकि, इनमें गंभीर धोखाधड़ियों, व्यापक कर चोरी, संवेदनशील और तलाशी से जुड़े मामलों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय कर और काला धन अधिनियम से संबंधित अपील शामिल नहीं हैं। ऐसे मामले में करदाता को तलब किया जा सकता है। फेसलेस मूल्यांकन से कर संग्रह का काम पारदर्शी, तेज और भ्रष्टाचार मुक्त हुआ है। इसकी सफलता को देखते हुए फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर 2020 को शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत कर अधिकारियों की शक्तियां कम की गईं और अधिकार करदाता के हाथ में दिए गए। टैक्स फाइलिंग का काम तेज, पारदर्शी और धांधली मुक्त हो, इसके लिए फेसलेस अपील की सर्विस शुरू की गई।


More Stories
भारत में भ्रष्टाचार और अपराध के कारण तथा उनका निवारण
हर घर दस्तक देंगी आशा कार्यकर्ता, कालाजार के रोगियों की होगी खोज
लैटरल ऐंट्री” आरक्षण समाप्त करने की एक और साजिश है, वर्ष 2018 में 9 लैटरल भर्तियों के जरिए अबतक हो चूका 60-62 बहाली