राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

यूनेस्को के निदेशक एरिक फॉल्ट ने कहा, न्यू मीडिया के हिसाब से हो मीडिया पाठ्यक्रमों का निर्माण

नई दिल्ली, (एजेंसी)। ”न्यू मीडिया कम्युनिकेशन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स, एनिमेशन, प्रिंटिंग और पैकेजिंग आज मीडिया कंटेंट को बदल रहे हैं। मीडिया शिक्षण संस्थानों को अब न्यू मीडिया के सभी तत्वों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम तैयार करने चाहिए।” यह विचार यूनेस्को के नई दिल्ली कार्यालय के निदेशक एरिक फॉल्ट ने वर्ल्ड जर्नलिज्म एजुकेशन काउंसिल, भारतीय जन संचार संस्थान और यूनेस्को द्वारा ‘भारत में पत्रकारिता शिक्षा : मुद्दे और चुनौतियां’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए। आयोजन में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक के. सतीश नंबूदिरीपाड, भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल, वर्ल्ड जर्नलिज्म एजुकेशन काउंसिल की अध्यक्ष डॉ. वेरिका रूपर, आयोजन की संयोजक प्रो. सुरभि दहिया एवं प्रो. संगीता प्रणवेंद्र ने भी हिस्सा लिया।

‘भारत में पत्रकारिता शिक्षा के 100 वर्ष एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए एरिक फॉल्ट ने कहा कि मीडिया के बदलते आयामों को देखकर ऐसा लगता है कि मौजूदा समय बदलाव का समय है। आज सोशल मीडिया हमारे जीवन के कई पहलुओं को तय कर रहा है। कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि मीडिया शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मीडिया एजुकेशन काउंसिल की आवश्यकता है। इसकी मदद से पत्रकारिता एवं जनसंचार शिक्षा के पाठ्यक्रम में सुधार होगा और मीडिया इंडस्ट्री की जरुरतों के अनुसार पत्रकार तैयार किये जा सकेंगे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि आधुनिक तकनीक पर आधारित ‘अकैडमिक बैंक आॅफ क्रेडिट’ सिस्टम से विद्यार्थियों के लिए बड़ा परिवर्तन आने वाला है। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनी शिक्षा प्रणाली को छात्रों के लिए सबसे आधुनिक और बेहतर बनाने का काम कर रही है।

इस अवसर पर आईआईएमसी में अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. सुरभि दहिया की पुस्तक ‘The House thÔt Zee Built’ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में नॉर्थ टेक्सास यूनिवर्सिटी के डॉ. एलन बी अलबैरन, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, एक्सचेंज फॉर मीडिया के संस्थापक श्री अनुराग बत्रा, लॉफबोरो विश्वविद्यालय के डॉ. ग्राहम मर्डोक, हांगकांग बैपटिस्ट यूनिवर्सिटी के डॉ. दया थुस्सु, डॉ. देवेश किशोर, यूनिवर्सिटी आॅफ नार्थ कैरोलीना के डॉ. देब एैकत, यूनेस्को के म्यांमार आॅफिस से जुड़े प्रो. रैमन गुलैमो, फ्यूचर यूनिवर्सिटी, इजिप्ट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रशा अल इबरी, खलीफा यूनिवर्सिटी, अबू धाबी से डॉ. सादिया जमील, आॅकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से  रिचर्ड पमैटाटो और रूपा पब्लिकेशंस के प्रबंध निदेशक श्री कपीश मेहरा ने पुस्तक के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ‘भारत में पत्रकारिता शिक्षा के बहुआयामी दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित चर्चा में वर्ल्ड जर्नलिज्म एजुकेशन काउंसिल की अध्यक्ष डॉ. वेरिका रूपर, मणिपाल इंस्टीट्यूट आॅफ कम्युनिकेशन से डॉ. बी.पी. संजय, हैदराबाद विश्वविद्यालय से डॉ. उषा रमन, हांगकांग बैपटिस्ट यूनिवर्सिटी से डॉ. दया थुस्सु, जामिया मिलिया इस्लामिया से डॉ. बिस्वजीत दास, आंध्र विश्वविद्यालय से डॉ. डी.वी.आर. मूर्ति, वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. जयश्री जेठवानी, तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय से डॉ. गोपालन रवींद्रन एवं इंस्टीट्यूट ऑफ नॉलेज सोसायटी, भुवनेश्वर से डॉ. चंद्रभानु पटनायक ने भाग लिया।

आयोजन के तीसरे सत्र में ‘हाइब्रिड न्यूजरूम’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस सत्र में आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) डॉ. गोविंद सिंह, कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय से डॉ. शाहिद रसूल, एपीजे एजुकेशन सोसायटी के सलाहकार प्रो. अशोक ओगरा, वरिष्ठ पत्रकार के.ए. बद्रीनाथ, ऑगेर्नाइजर पत्रिका के मुख्य संपादक श्री प्रफुल्ल केतकर, विश्व भारती यूनिवर्सिटी, शांति निकेतन की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मौसमी भट्टाचार्य, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से डॉ. शाहिद अली, आईआईएमसी के डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार एवं सुश्री गरिमा शर्मा निझावन ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में ‘पत्रकारिता शिक्षा का उपनिवेशीकरण’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में असम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. के.वी. नागराज, बंगलुरु विश्वविद्यालय से डॉ. बी.के. रवि, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से डॉ. माधवी रेड्डी, जामिया मिलिया इस्लामिया से डॉ. साइमा सईद, ओहियो यूनिवर्सिटी से डॉ. जतिन श्रीवास्तव, मुंबई विश्वविद्यालय से डॉ. संजय रानाडे, आईआईएम बंगलुरु से डॉ. दीप्ति गणपति, गुवाहाटी विश्वविद्यालय से डॉ. अंकुरन दत्ता और ट्रिनिटी इंस्टीट्यूट से डॉ. पारुल मेहरा ने भाग लिया। सम्मेलन के दूसरे एवं अंतिम दिन ‘डिजिटल युग में पत्रकारिता’, ‘मीडिया क्षेत्र में अनुसंधान की आवश्यकता’, ‘आॅनलाइन एजुकेशन की चुनौतियां एवं संभावनाएं’ और ‘भारतीय भाषाई पत्रकारिता एवं मीडिया शिक्षा का विकास’ विषयों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में विश्व के प्रख्यात पत्रकार एवं मीडिया शिक्षक हिस्सा लेंगे।