छपरा(सारण)- जिले में एकाएक मौसम में बदलाव होने के कारण मंगलवार को सुबह करीब साढ़ 10 बजे से तेज हवा के साथ बारिश हुई। जिससे दिन भर आम जनजीवन प्रभावित रहा। साथ ही ठंड में काफी वृद्धि हुई है। बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव फसलों पर देखने मिला है। इसस किसान काफी चिन्तित है। वहीं कई प्रखंडों से ओलावृष्टि की भी सूचनाएं आ रही है। किसानों की माने तो गेहूं की फसलों में फुल निकल रहे तो कहीं-कहीं गेहूं की बालियां भी निकल चूकी है। तेज हवा के साथ बारिश होने से गड़खा, नगरा, अमनौर सहित कई प्रखंडों में गेहूं की फसल गिर गया है। इससे गेहूं के फसल को काफी नुकसान होने की संभावना है। वहीं जिले के अधिकांश प्रखंडों में आलू की फसल तैयार है। किसान खेतों से आलू निकाल रहे है। कई किसान आलू निकालकर खलिहानों के रखे है। बारिश में आलू के भिंगने से सड़ने का डर सता रहा है। जहां खेतों में आलू है बारिश होने से अब आलू को खेतों से नहीं निकाला जा सकता है, ऐसे में आलू के फसलों को खेतों में सड़ने की संभावना अधिक हो गया है। जिससे किसानों को आर्थिक क्षति उठाना पड़ेगा।
प्याज के फसल लगाने हो होगा विलंब
जिले में बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहूंचाया है। आलू के फसल खेतों से निकलने के बाद किसान प्याज का फसल लगाने की तैयारी में जुट गये थे। प्याज का फसल लगाने के लिए किसान खेतों की तैयारी करने में जुट गये थे। लेकिन बिन मौसम बारिश ने फसल चक्र पर विराम लगा दिया है। जिससे किसान काफी चिन्तित है। गड़खा प्रखंड के रामगढ़ा, मिर्जापुर के किसान रामबाबू राय, सुरेन्द्र राम, बालेश्वर पांडेय नगरा प्रखंड के किसान झुलन सिंह ने बताया कि जिस खेतों से आलू का फसल निकल गया था, उसमें प्याज एवं अन्य सब्जी का फसल लगाने के लिए खेतों को तैयार किया जा रहा था। लेकिन बिन मौसम बारिश ने अगले फसलों के लगाने पर विराम लगा दिया है। इससे किसानों को काफी नुकसान होने की संभावना है।
तेलहन, दलहन एवं बागवानी के फसलों को भी होगा नुकसान
बिन मौसम बारिश होने के तेलहन और दलहन फसलों की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान हुआ है। जहां तेलहन का फसल खेतों में लगा हुआ है, तेज हवा के साथ बारिश होने के पौधा गिर गया है। किसानों ने बताया कि जिन किसानो ने सरसो की अगात बुआई की है, उनकी सरसो की फसल में दाने लग चुके है। मगर दाने को पुष्ट होने में 10-15 दिन लग जाएंगे। ऐसे में लगातार मौसम के बदलते रहने से फसल नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। वहीं अरहर के पौधें में लगे फूल भी मैसम के उतार-चढ़ाव से झड़ने लगे है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि तेलहन, अरहर एवं बागवानी में पराग लग रहा है, बारिश से पराग निकलने की संभावना है। इससे फसलों में दाने नहीं लगने में काफी परेशानी होगी।
डीएओ बोले- तेलहन, अरहर, बागवानी, रवि एवं आलू के फसलों को नुकसान होने की संभावना
जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि बारिश होने से फसलों को काफी नुकसान होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक तेलहन, अरहर, बागवानी, रवि एवं आलू के फसलों को नुकसान होने की संभावना है। जिस फसल में फुल लगे है, बारिश से पराग निकल जाएगा, इससे फसलों दाने नहीं लग सकता है। बारिश से फसलों के बचाव को लेकर कृषि विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों को निदान निकाले को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। साथ हीं कृषि कर्मियों को भी फसलों को बचाने के लिए किये जाने वाले उपाये के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। ताकि किसानों के फसलों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
More Stories
हर घर दस्तक देंगी आशा कार्यकर्ता, कालाजार के रोगियों की होगी खोज
लैटरल ऐंट्री” आरक्षण समाप्त करने की एक और साजिश है, वर्ष 2018 में 9 लैटरल भर्तियों के जरिए अबतक हो चूका 60-62 बहाली
गड़खा में भारत बंद के समर्थन में एआईएसएफ, बहुजन दलित एकता, भीम आर्मी सहित विभिन्न संगठनों ने सड़क पर उतरकर किया उग्र प्रदर्शन