नई दिल्ली, (एजेंसी)। भारत ने यूनाइटेड नेशंस ‘हू्मन राइट्स काउंसिल (वठऌफउ) में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (डकउ) को जमकर लताड़ लगाई है। कश्मीर को लेकर भारत ने कहा है कि डकउ के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। भारत ने आगे कहा है कि डकउ ने लाचार होकर खुद को पाकिस्तान द्वारा बंधक बनाए जाने की इजाजत दी है। जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन में के फर्स्ट सेक्रेटर पवन ने भारत की बातों को काउंसिल में रखा है।
पाकिस्तान और कडउ द्वारा लगातार कश्मीर पर बेतुके बयान देने के बाद भारत ने लताड़ लगाई है। भारत ने कहा है कि काउंसिल को यह बात पता है कि पाकिस्तान मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और भारत के भूभाग कर कब्जा किए हुए है। पाकिस्तान अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रहा है। हिंदू, सिख और ईसाई और अहमदिया जैसे समुदाय के साथ पाकिस्तान का रवैया दुनिया से छिपा नहीं है। यहां तक कि पाकिस्तान में गलत हो रहे चीजों पर सवाल उठाने पर पत्रकारों के साथ बुरा सुलूक किया जा रहा है।
UNHRC की 48वीं बैठक में भारत ने कहा है कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकियों को खुले तौर पर समर्थन, ट्रेनिंग, पैसों से मदद करने के तौर पर जानती है। पाकिस्तान काउंसिल के मंचों का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और भारत को पाकिस्तान जैसे असफल देशों से किसी तरह के सबक की जरूरत नहीं है जो दुनिया में आतंकवाद का केंद्र है। डकउ द्वारा कश्मीर मसले पर दिए गए बयान भारत से सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान अपने एजेंडे के लिए डकउ का इस्तेमाल करता रहा है। ऐसे में डकउ के सदस्य देश यह तय करें कि वह पाकिस्तान को ऐसा करने की इजाजत देते रहेंगे या नहीं।


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