राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

सावरकर को लेकर राजनीति तेज, राजनाथ के बयान पर भूपेश भघेल ने किया यह दावा

नई दिल्ली, (एजेंसी)। वीर सावरकर को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर देश में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस की ओर से इस पर पलटवार किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनाथ सिंह के बयान पर अपना अलग दावा किया। भूपेश बघेल ने कहा कि उस समय महात्मा गांधी कहां थे और सावरकर कहां थे? सावरकर जेल में थे, वह कैसे संवाद कर सकते थे। उन्होंने जेल से याचिका दायर की थी और अंग्रेजों के साथ रहना जारी रखा था। इसके साथ ही भूपेश बघेल ने दावा किया कि सावरकर 1925 में जेल से बाहर आने के बाद दो राष्ट्र की सिद्धांत की बात करने वाले पहले व्यक्ति थे।

राजनाथ सिंह का बयान: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र नायकों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में वाद प्रतिवाद हो सकते हैं लेकिन विचारधारा के चश्मे से देखकर वीर सावरकर के योगदान की उपेक्षा करना और उन्हें अपमानित करना क्षमा योग्य और न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका के बारे में एक खास वर्ग के लोगों के बयानों को गलत ठहराते हुए यह दावा किया कि महात्मा गांधी के कहने पर सावरकर ने याचिका दी थी। राजनाथ ने कहा कि सावरकर के बारे में झूठ फैलाया गया। बार-बार, यह कहा गया कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दायर कर जेल से रिहा करने की मांग की… महात्मा गांधी ने ही उन्हें दया याचिका दायर करने के लिए कहा था।

भागवत का बयान: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने वीर सावरकर के बारे में सही जानकारी का अभाव होने का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही उन्हें बदनाम करने की मुहिम चली है और अब अगला लक्ष्य स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद हो सकते हैं। मोहन भागवत ने उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ‘‘वीर सावरकर हु कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’’ का विमोचन करते हुए यह बात कही। सरसंघचालक भागवत ने कहा कि भारत में आज के समय में सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है। यह एक समस्या है। सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। यह स्वतंत्रता के बाद खूब चली।

You may have missed