नई दिल्ली, (एजेंसी)। शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर कांग्रेस ने चर्चा की। बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। दूसरी ओर इस बैठक को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसा है। भाजपा ने इसे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के बजाय परिवार बचाओ वर्किंग कमिटी कहा है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ये भी कहना गलत नहीं होगा कि ये उहउ यानि कांग्रेस वर्किंग कमेटी कम है और ढइहउ यानि परिवार बचाओ वर्किंग कमेटी की बैठक ज्यादा लगती है। उन्होंने कहा कि अभी तक ये ज्ञात था कि कांग्रेस पार्टी की वर्किंग अध्यक्ष सोनिया गांधी है। कांग्रेस के ॠ-23 के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी आज उस जहाज की तरह है, जिसको ये नहीं पता कि उसका कैप्टन कौन है?, उसकी दिशा क्या है?
गौरव भाटिया ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी जी बार बार ये कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी में तो आतंरिक लोकतंत्र भी अब नहीं बचा है। कपिल सिब्बल ने जब मुद्दा उठाया, तो उनके घर पर ही कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। भाटिया ने कहा कि जो सिंघु बॉर्डर पर हुआ, हम सभी ने देखा है। एक दलित भाई को निर्मम तरीके से मार दिया जाता है। ये वो अराजक तत्व हैं जो किसानों के कंधों पर अपनी बंदूके रखकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। क्या ऐसी तालिबानी सोच की जो घटना सामने आयी है और कांग्रेस वर्किंग कमेटी में इतना भी समय नहीं है कि वो इस पर चर्चा करे। क्या कांग्रेस पार्टी आज तालिबानी सोच के साथ खड़ी है?
किसान आंदोलन को लेकर भाटिया ने कहा कि राकेश टिकैत ने कहा है कि आयोजकों की कोई जिम्मेदारी नहीं है। देश की जनता पूछ रही है कि अगर आप एक प्रदर्शन का आयोजन करते हैं और उसमें तिरंगे का अपमान किया जाता है, अराजकता फैलाई जाती है, दलित युवक की हत्या कर दी जाती है, तो प्रदर्शन का आयोजन करने वालों की जिम्मेदारी क्या होती है?


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