काठमांडू, (एजेंसी)। नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौडयाल ने भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए अधिक आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग की जरूरत को रेखांकित करते हुए रविवार को कहा कि सरकार की प्राथमिकता नेपाल के उच्च हिमालयी क्षेत्रों को हिंद महासागर से जोड़ने की है। अबू धाबी में पांचवें हिंद महासागर सम्मेलन, (आईओसी) 2021 को सम्बोधित करते हुए पौडयाल ने कहा कि नेपाल जैसे बंदरगाह विहीन देश (लैंडलॉक्ड कंट्री) का हिंद महासागर के लिए बहुत महत्व है और इसे एक आर्थिक जीवन रेखा माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘लैंडलॉक्ड विकासशील देशों की क्षमता विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समर्थन की आवश्यकता है, ताकि नेपाल के उच्च पर्वतीय इलाकों को हिंद महासागर के साथ निर्बाध हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कनेक्टिविटी के माध्यम से जोड़कर लाभ प्राप्त करने की क्षमता बढ़ाई जा सके।’’ विदेश सचिव ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर, वैक्सीन के मामले में अधिक मजबूत सहयोग और तकनीकी जानकारी तथा क्षमता वृद्धि को साझा करने की दिशा में मजबूत कदम इस क्षेत्र में प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इंडिया फाउंडेशन और संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने संयुक्त रूप से सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें 30 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ हाई-प्रोफाइल नाम हैं। शनिवार को शुरू हुए दो-दिवसीय सम्मेलन का विषय हिंद महासागर: पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, महामारी है।


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यह तो संविधान का अपमान भी है