- डीवीबीडीओ डॉ ब्रज कुमार ने 150 आशाओं को दिया प्रशिक्षण
- कालाजार रोग के लक्षणों की पहचान कर मरीजों को करें रेफर
जहानाबाद। जिला में कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को इस रोग से बचाव के लिए जागरूक करने का काम स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है. इस क्रम में जिला के सभी सात प्रखंडों के आशा को कालाजार रोग होने तथा इससे बचाव के बारे में प्रशिक्षित कियाग गया है. तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण के दौरान 150 आशाओं का कालाजार के प्रति उन्मुखीकरण कार्य किया गया है. पूर्व में यह प्रशिक्षण 2 तथा 3 दिसंबर को किया गया था. चार दिसंबर को कोविड टीकाकरण महाअभियान के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. जिसे मंगलवार को संपन्न हुआ. कालाजार के प्रति आशाओं के उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति सभागार कक्ष में किया गया. इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ब्रज कुमार सहित डीवीबीडीओ कंसल्टेंट निशिकांत तथा वीडीसीओ मनीष कुमार मौजूद रहें.
15 दिन से अधिक बुखार रहे तो कालाजार जांच जरूरी:
डॉ ब्रज कुमार ने आशाओं को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ब्रज कुमार ने बताया सभी प्रखंडों के चिन्हित आशा को प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण में कालाजार से संबंधित जानकारी यथा कालाजार होने के कारण, रोगी की पहचान इलाज एवं रोकथाम के बारे में जानकारी दी गयी है. प्रशिक्षण के दौरान यह बताया गया है कि कालाजार एक गंभीर बीमारी है यह संक्रमित बालू मक्खी के काटने से फैलता है. 15 दिन से अधिक लगने वाला बुखार यदि एंटीबायोटिक दवा या अन्य दवा खाने के बाद भी कम नहीं हो रहा और मलेरिया की जांच भी नेगेटिव हो तो कालाजार से पीड़ित होने की प्रबल संभावना है. कालाजार के अन्य लक्षणों में भूख नहीं लगना, वजन में कमी, रोगी के शरीर की त्वचा का रंग काला होना आदि शामिल है. उन्होने बताया कि लोगों को मच्छरदानी के इस्तेमाल के बारे में जरूर बतायें. कालाजार का जांच सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है एवं इलाज सदर अस्पताल जहानाबाद में उपलब्ध है। कालाजार से प्रभावित गांव में सिंथेटिक पायरेथ्राइड दवा का छिड़काव भी किया गया है.
लक्षणों की पहचान कर आशा रोगी को स्वास्थ्य केंद्र भेजें:
डीवीबीडीओ कंस्लटेंट निशिकांत ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद घर घर कालाजार रोगी खोज अभियान का आयोजन भी किया जायेगा. इस अभियान के तहत विगत तीन साल में उन क्षेत्रों में जहां कालाजार मरीज चिन्हित हुए हैं वहां आशा के माध्यम से ऐसे रोगियों की खोज की जायेगी और उन्हें आवश्यक जांच व इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जायेगा. आशाओं को कहा गया है कि वे कालाजार रोगी को चिन्हित करें और सही इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र रेफर करें. यदि गंभीर स्थिति हो तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी व विभाग को दें. इसे देखते हुए रोगी के इलाज की व्यवस्था की जायेगी. जरूरत पड़ने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल या राज्य स्तरीय अस्पताल रेफर किये जायेंगे.


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