- जल की बर्बादी को कम करते हुए जल संरक्षण के उपायों को गंभीरता पूर्वक अपनाने की जरूरत:
- दूषित जल का सेवन है कई गंभीर बीमारियों की वजह, आसपास उपलब्ध जल दूषित होने से रोकें:
कटिहार, 22 मार्च। अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस के मौके पर जिले के कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत दिघरी पंचायत में जल संरक्षण व जल जनित रोगों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिरामल फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता दिघरी पंचायत के मुखिया आसिफ इकबाल ने की। कार्यक्रम में भाग लेते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एके सिंह, सीडीपीओ अमृता वर्मा, प्रधानाध्यापक अनिल झा, पंचायत सचिव निरंजन सिंह, सीएचओ पल्लवी कुमारी, पिरामल के जिला प्रोग्राम लीडर मनीष कुमार, आजाद कुमार, रूमान, अनिकेत सहित अन्य ने भाग लेते हुए जल संरक्षण व स्वच्छ पेयजल के महत्व पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में दर्जनों आशा, आंगनबाड़ी सेविका व स्थानीय ग्रामीणों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से जल की बर्बादी को कम करने का संकल्प लिया।
स्वच्छ जल तक सीमित हो रही है लोगों की पहुंच :
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय मुखिया आसिफ इकबाल ने कहा कि जल के महत्व से आम लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस का आयोजन किया जाता है। जल का संकट आज पूरे विश्व में गहराता जा रहा है। औद्योगीकरण के इस युग में स्वच्छ व रोग रहित जल तक लोगों की पहुंच सीमित हो रही है। इसलिये हमें जल संरक्षण के उपायों को गंभीरता पूर्वक अपनाना होगा। हमें जल की बर्बादी को रोकने के लिये उपयोगी कदम उठाने होंगे। इसके लिये हर स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है।
सामूहिक सहयोग से मिलेगा जल संरक्षण को मजबूती :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एके सिंह ने कहा कि दूषित जल का सेवन आज कई गंभीर रोग का कारण बन रहा है। हमें अपने आसपास उपलब्ध जल को प्रदूषित होने से रोकना होगा। जल की बर्बादी को कम करते हुए इसे संरक्षित रखने के उपायों को अपनाना होगा। सरकारी स्तर से इसके लिये प्रयास किये जा रहे हैं। जो सामूहिक सहयोग के बगैर प्रभावी नहीं हो पा रहा है। सीडीपीओ अमृता वर्मा ने कह कि छोटे उम्र के बच्चों में जलजनित बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसलिये घरों में स्वच्छ पेयजल के उपयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर गंभीरता पूर्वक अमल करने की जरूरत है। पिरामल स्वास्थ्य के मनीष कुमार ने वर्तमान जल संकट का लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हुए इसके कारण व निदान के उपायों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित किया। जल की बर्बादी को कम करने व भूमिगत जल के स्तर में वृद्धि को लेकर जरूरी सुझाव कार्यक्रम के दौरान दिये।


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