राष्ट्रनायक न्यूज।
रक्षा बंधन का त्योहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन बहन भाई की कलाई में राखी बांधती है।यह त्योहार भाई- बहन के प्रेम का प्रतिक है। बहन अपने भाई के दीर्घायु तथा तथा सुख समृधि की कामना करती है।भाई उनकी रक्षा का कामना करते है।कही कही पर उपवास करते है फिर शास्त्रीय विधि से पूजन करके राखी बांधते है।इस दिन पूर्णिमा का विशेष पूजन करते है।कुछ गावो में श्रावण पूजन करते है।बहन अपने भाई के राखी बाँधने के बाद ढेरो सारे उपहार देते है।
12 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन का पर्व:
शास्त्रीय नियम के अनुसार रक्षाबंधन 12 अगस्त को ही मनाया जाएगा.धर्म सिंधु के अनुसार अपराह्न या प्रदोष व्यापिनी श्रावण शुक्ल रक्षाबंधन मनाया जाता है। किंतु शर्त यह हैं कि उस समय भद्रा व्याप्त नही होनी चाहिए। उपरोक्त विवरण के अनुसार यह योग 11 जुलाई को बनता है क्योंकि 11 जुलाई को प्रातः 10:38 से पूर्णिमा आ जाएगी। लेकिन 10:38 बजे से रात्रि 8:51 बजे तक भद्रा रहेगी। यथा- पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहुर्ताधिकोदय व्यापिन्यामपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम्। जैसा धर्मसिंधु में उल्लेख है कि भद्रायां द्वे न कर्तव्यम् श्रावणी फाल्गुनी वा। श्रावणी नृपतिं हन्ति,ग्रामों दहति फाल्गुनी। अर्थात भद्रा काल में दो त्यौहार नहीं मनाने चाहिए ।श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन। भद्रा काल में रक्षाबंधन मनेगा तो राजा के लिए कष्टकारी है। लौकिक व्यवहार में रक्षा विधान हमेशा सुबह के समय अथवा दोपहर में होता है इसीलिए इस दिन में उदया तिथि ली जाती है। 12 अगस्त को प्रातः 7:05 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। उस दिन सूर्य 5:52 उदय होंगे। पूर्णिमा मात्र एक घंटा तेरह मिनट रहेगी। 12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार में सूर्य उदय के बाद 3 घटी से भी अधिक है ।साकल्पादिता तिथि धर्म कृत्योपयोगी रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ मानी जाएगी। कुछ विद्वान 11 अगस्त को रक्षाबंधन का बनाने का निर्णय कर सकते हैं जो शास्त्र के विपरीत है क्योंकि जिस समय पूर्णिमा आएगी उसी समय भद्रा आरंभ हो जाएगी और भद्रा में रक्षाबंधन करना शुभ नहीं होता है। 12 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 12:00 बजे के बाद तक रहेगा । जिससे इस दिन धाता और सौभाग्य योग बन रहा है ।जो बहन भाइयों के प्रेम को बढ़ाने वाला और उत्साहवर्धक होता है।
12 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:
- प्रातः काल 6:12 से 8:30 तक सिंह लग्न रहेगा जो स्थिर लग्न होता है।
- (10:30 से 12:00) तक राहुकाल है उसका त्याग करना चाहिए।)
- दोपहर 1:06मिनट दोपहर से 3:24मिनट तक वृश्चिक लग्न भी श्रेष्ठ है यह भी स्थिर लग्न होता है।
- इसके पश्चात 3::24 मिनट दोपहर से रात्रि 07:10 मिनट तक कभी भी राखी बांध सकते हैं ।
राखी बांधने का मंत्र:
- येन बद्धो बलि राजा दानवेंद्रो महाबल:।
- तेनत्वां प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
संजीत कुमार मिश्रा, ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847


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