राष्ट्रनायक न्यूज।
भारत कई जगह है जहां पर पितृपक्ष में पिंडदान किया जाता है .लेकिन इन स्थानों में सबसे उतम स्थान गया का स्थान का दिया जाता है पिंडदान , पुजा पाठ तथा अनुष्ठान करने से इंसान की नकारात्मत शक्ति दुर होती है पुजा पाठ से अध्यात्मिक शक्ति बढती है साथ ही धार्मिक संबंध बनता है तथा धन तथा आत्मविश्वास में सुधार करने सुविधा प्रदान करती है .विभिन्न देवी देवताओ तथा पितरो की पूजन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते है .शांति और पूजा से विभिन्न प्रकार का दोष को शांत किया जाता है यात्रा के लिए तो पूजन करना अत्यत जरुरी रहता है.भारत में विभिन्न सस्कृति तथा परंपरा को भूमि के रूप में देखा जाता है .अपने सस्कारो ,कर्मकाण्ड के तौर तरीके पर संपन्न होती है .आज कल भाग्दौर की जिन्दगी में पुजा पाठ कई तरह से लोग अपना रहे है कुछ लोग संसाधन की कमी के कारण ऑनलाइन पर ज्यादा ध्यान देते है अगर आप विदेश में आपको पिंडदान गया में करना है लेकिन आप कई कारणों से व्योस्त है तो आजकल ऑनलाइन की सुविधा उपलब्ध है।
ऑनलाइन पिंडदान दो तरह से किया जाता है
पहला :
- ऑनलाइन द्वारा यजमान से फ़ोन पर उनका विवरण माँगा जाता है .
- पंडित पूरा समान अपना खरीद कर पूरा वयस्था करके रखते है .
- जब पिंडदान की शुरु होती है तब ब्राह्मण यजुमान से बात करके संकल्प करवाते है .
- यजुमन की पिंडदान की पूरी परिक्रिया बताया जाता है .
- पिंडदान होने के बाद यजुमान ब्राह्मण को दक्षिणा ऑनलाइन कर देते है .
दूसरा :
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेसन कराया जाता है .
- किसी ऑनलाइन ऐप के द्वरा जैसे लेपटॉप या मोबाईल के सामने बैठ जाते है दुसरे बगल ब्राह्मण बैठ जाते है
- यजुमान पूरा पिंडदान की समान खरीदकर लाते है पपिंडदान का पूरा वयोस्था वही करते है
- यजुमान पिंडदान की परिक्रिया करते है ब्राह्मण वैदिक मंत्र का उचारण करते है .
- पिंडदान होने के बाद ब्राह्मण को दक्षिणा ऑनलाइन भेज देते है .
ऑफलाइन पिंडदान
ऑफलाइन पिंडदान का मतलब यह है आप उस स्थल पर जाकर अपने पितरो को मोक्ष प्रदान करे .यह तरीका सबसे बढ़िया है इस तरीके से आप अपने पितृ को मोक्ष की प्राप्ति करवा सकते है पिंडदान को एक अहम कर्मकांड माना जाता है साथ ही श्राद्धकर्म बहुत ही श्रधा से किया जाता है .माता पिता तथा पुर्बजो के ममरने के बाद उनकी मुक्ति के लिए यह श्राद्ध किया जाता है .गया जाकर वहा पर पिंडदान अगर करे तो पितरो को मोक्ष की प्राप्ति होगी साथ में उस स्थान पर जाने से शारीर का नकारात्मक शक्तिया जो बने रहती है वह दुर हो जाती है साथ पिंडदान करने के बाद ब्राह्मण भोजन कराना साथ ही उनका चरण स्पर्श करना जरुरी होता सब आपको मिल जाती है.
संजीत कुमार मिश्रा, ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594 /9545290847


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