मांझी के ऐतिहासिक गढ़ पर खुदाई के दौरान तेरहवीं शताब्दी के राजा का ध्वस्त गढ़ का मिला अवशेष, गढ़ में द्फन है करोड़ों- अरबों का खजाना
संजीव कुमार शर्मा। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
मांझी (सारण)। मांझी के ऐतिहासिक गढ़ पर आकृतियुक्त पीतल का लगभग एक सौ अस्सी ग्राम वजन का एक बाजूबन्द बरामद किया गया। जानकारी के अनुसार खेती कर रहे किसानों द्वारा गढ़ पर खम्भा गाड़ने के लिए जमीन खोदने पर ढाई फुट नीचे मिला बाजूबन्द। मेंहदीगंज निवासी शत्रुघ्न साह तथा धर्मेन्द्र साह ने गढ़ पर मिले बाजूबंद को किया पुलिस के हवाले। बाजूबंद बरामदगी में थानाध्यक्ष नीरज मिश्रा तथा समाजसेवी कृष्णा सिंह पहलवान की रही महत्वपूर्ण भूमिका। बरामद धातु पुरातत्व विभाग को किया जाएगा सुपुर्द। गढ़ पर खुदाई पर लगी रोक पर बरती जाएगी सख्ती। गढ़ के भीतर करोड़ो अरबों के बहुमूल्य धातु के मौजूद होने की उम्मीद जगी। तेरहवीं शताब्दी में मांझी के राजा का ध्वस्त गढ़ का अवशेष सदियों से रहा है उपेक्षित। वर्ष 1986 में हुई थी गढ़ की खुदाई। खुदाई में मिला था मिट्टी के नीचे राजा के भवन के अवशेष। बरामद बाजूबंद गढ़ के भीतर राजा का निवास अथवा युद्ध का करा रहा अहसास।


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