आपको स्वयं से बात करना चाहिए
जो विद्यार्थी स्वयं से बात नहीं करता वो कभी लंबी उड़ान का हकदार नहीं हो सकता।
क्योंकि सबसे ज्यादा मानसिक रोग युवाओं को ही लगते है ।
ऐसे में अपने आप से कुछ समझौते करने होते है, अगर आप स्वयं से बात ही नहीं करेगें
तो क्या खाक समझौते करेंगे।
न तो आप अपनी कमियों को गौर कर पाएंगे न हीं आप अपनी खूबियों को।
याद रखना हर इंसान में कुछ न कुछ कमी और कुछ खूबी भी होती है।
ऐसे में अपने आप को जांचने वाला हीं ये समझ पाता है कि मुझमें ऐसी कौन सी खूबी है जिसका इस्तेमाल करके मै समाज में एक मिसाल कायम कर सकूं।
अगर इतना देख लिया, समझ लिया, सोच लिया, कर लिया
तो बेड़ा पार हो जाएगा। आप एक मिसाल जरूर कायम करेंगे।
लेखक: कवि एवं साहित्यकार
जीतेन्द्र कानपुरी(टैटू वाले)
बुंदेलखंड एवं कानपुर (भारत)
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