वाल्मीकिनगर बराज से तीन दिन पहले ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, फिर गंडक का बढ़ने लगा जलस्तर
गोपालगंज में गंडक के जलस्तर में कमी आने के बाद एक बार फिर जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। वाल्मीकिनगर बराज से तीन दिन पहले करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था़, जिसका असर अब गोपालगंज में देखने को मिल रहा है। जहां-जहां जिले में सारण बांध टूटा था, वहां-वहां फिर पानी बढ़ने लगा है। बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाही बैकुंठपुर प्रखंड में हुई है। इस प्रखंड की करीब 17 पंचायतें पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित है, जबकि 12 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। बैकुंठपुर में राजापट्टी कोठी के समीप मशरख होकर पटना जाने वाली एसएच-101 पर बाढ़ का पानी उतर गया है, लेकिन बैकुंठपुर में हमीदपुर, लखनपुर, लक्ष्मीगंज, गम्हारी, कृतपूरा आदि गांव में अब भी बाढ़ का पानी है। बाढ़ के साथ इस गांव की सड़कें भी अब जानलेवा हो गयी हैं। बाढ़ के पानी के तेज बहाव की वजह से सड़कें पूरी तरह टूट गयी हैं। इन सडकों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिसकी वजह से आये दिन इन सडकों पर हादसे हो रहे हैं। पानी इतना ज्यादा भी नहीं कि लोग नाव की सवारी कर सकें। लिहाजा, लोगों को पानी में गड्ढे बनी सडकों पर ही चलना मज़बूरी है। बैकुंठपुर के लोगों की माने तो पिछले 20-25 दिन से बाढ़ से प्रभावित हैं। पूरा घर बाढ़ के पानी से डूब गया है। यहां कोई नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है। अभी तक कोई पदाधिकारी या नेता देखने तक नहीं आया है। इन गड्ढों की वजह से आये दिन दुर्घटना हो रही है। बता दे कि गोपालगंज में कुल 11 जगहों पर सारण बांध टूटा था, जिसमें अकेले बैकुंठपुर में ही 07 जगहों पर बांध टूटा था जिसकी वजह से इस इलाके के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं।


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