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संकट की आहटः प्रथम अप्रैल से जनगणना शुरू होने वाली है,बहरहाल प्रशासन जनगणना को सफल बनाने के लिए क्या कार्रवाई करती है यह बहुत ही दिलचस्त होगा

शिक्षकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से मंडरा रहा है एक अप्रैल से होने जा रहे जनगणना पर संकट के बादल

छपरा (सारण)- केन्द्र सरकार की कैबिनेट से एनपीआर यानी नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर का कार्य कराने को लेकर सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी कर दिया गया है। वहीं इसी बीच पुरे बिहार में शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग पर सरकार से दो-दो हाथ कर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर डटे है। शिक्षकों की इस अनिश्चित कालीन हड़ताल से जहाँ बिहार की सभी स्कूलों पर ताला लटका हुआ है वही स्कूलों में पढ़ने वाले छा़त्र-छा़त्राओं की पढ़ाई लभगभग ठप पड़ गया है। सरकार और शिक्षकों के बीच चल रही युद्ध मानों खत्म होने की नाम नहीं ले रही है। ना ही सरकार इन शिक्षकों की बात मानने को लेकर कोई बैठक कर रही है और ना ही शिक्षक अपनी वेतनमान लेने तक हार मानने को तैयार है। इसी बीच आआगामी एक अप्रैल से जनगणना शुरू होने वाली है, शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है ऐसे में जनगणना पर संकट आ सकता है, बहरहाल प्रशासन जनगणना को सफल बनाने के लिए क्या कार्रवाई करती है यह बहुत ही दिलचस्त होगा। जिसका असर जिले में भी देखने को मिल रहा है। जानिए इस बार के होने वाले एनपीआर कैसे किया जाएंगा। जानकारी के अनुसार विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मी अभी से ही एनपीआर के कार्यो को सफलता पूर्वक संपादित कराने को लेकर तैयारी में जुट गये है। साथ हीं जनगणना में लगने वाले प्रगणक, पर्यवेक्षक सहित अन्य कर्मियों का डाटा जुटाने में विभागीय अधिकारी लग गये है। जानकारी के अनुसार नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी तैयार करने के लिए आगामी एक अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक जनगणना का कार्य किया जाएगा। पिछले जनगनणना के अपेक्षा इस बार कई नये सवालों को भी पूछा जाएगा। जिसके लिए प्रगणक एवं पर्यवेक्षक को भी प्रशिक्षत किया जाना है। अनुमान है कि करीब छह प्रगणक पर एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।
इस बार पारंपरिक पेन और पेपर से होगा जनगणना
जिले में जिला सांख्यिकी पदाधकारी ने आनंद प्रकाश ने बताया कि जनगणना का कार्य पारंपरिक पेन और पेपर से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ अफवाह है कि इस बार पारंपरिक पेन और पेपर के बजाय मोबाइल फोन एप्लीकेशन के जरिये किया जाएगा। जबकि ऐसी कोई बात नहीं है। एनपीआर पुरी तरह परदर्शी तरीके से होगा। कंही भी कोई भी संदेह नहीं है। जनगणना करने वाले प्रगणनों को पुरी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि गणना के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं हो सके।
सात हजार प्रगणक रहेंगे एनपीआर की कार्य में
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि एनपीआर के कार्य को करने के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी प्रखंडों के प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि पहले गृह सूचीकरण का कार्य किया जाएगा। जिसमें प्रगणक के रूप में कार्य करने कये लिए शिक्षकों को लगाया जाएगा। जिसकी सूची संगहित की जा रही है। डीएसओ ने बताया कि एनपीआर का कार्य करने में करीब 7 हजार प्रगणकों की आवश्यकता पड़ेगी। साथ हीं छह प्रगणक पर एक पर्यवेक्षक को नियुक्त किया जाएगा। जिसके लिए कर्मियों का आंकड़ा संग्रहित किया जा रहा है।
तीसरी बार हो रहा एनपीआर का कार्य
नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के कार्य को लेकर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी से पूछे जाने पर बताया कि एनपीआर का कार्य तीसरी पर शुरू हो रहा है। इसके पहले वर्ष 2011 एवं 2015-16 में हुआ था। इसके बाद इस बार एनपीआर का कार्य शुरू किया गया है। एनपीआर के दौरान परिवार के मुखिया से आधार कार्ड अथवा राशन कार्ड की मांग की जाएगी। इसी के आधार पर पंजी को संधारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी नागरिक एवं परिवार को घबराने की जरूरत नहीं है। आधार एवं राशन कार्ड से किसी भी नागरिक को कोई भी क्षति नहीं होगा।
एनपीआर का गृह सूचीकरण के बाद 2021 में होगा जनगणना
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि एक अप्रैल से 30 सितंबर तक होने वाले एनपीआर के दौरान गृह सूचीकरण तैयार किया जाएगा। इसी गृह सूची के आधार पर वर्ष 2021 में होने वाले आम जनगणना का कार्य किया जाएगा। ताकि जनगणना का कार्य आसानी से संपादित किया जा सके।
इस बार की जनगणना में 31 प्रकार के पुछे जाएंगे आप से सवाल जो इस प्रकार है-
1. बिल्डिंग नंबर (म्यूनिसिपल या स्थानीय अथॉरिटी नंबर)।

2. सेंसस हाउस नंबर।

3. मकान की छत, दीवार और सीलिंग में मुख्य रूप से इस्तेमाल हुआ मटीरियल।

4. मकान का इस्तेमाल किस उद्देश्य से हो रहा है।

5. मकान की स्थिति।

6. मकान का नंबर।

7. घर में रहने वाले लोगों की संख्या।

8. घर के मुखिया का नाम।

9. मुखिया का लिंग।

10. क्या घर के मुखिया अनुसूचित जातिध्जनजाति या अन्य समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

11. मकान का ओनरशिप स्टेटस।

12. मकान में मौजूद कमरे।

13. घर में कितने शादीशुदा जोड़े रहते हैं।

14. पीने के पानी का मुख्य स्त्रोत।

15. घर में पानी के स्त्रोत की उपलब्धता

16. बिजली का मुख्य स्त्रोत।

17. शौचालय है या नहीं।

18. किस प्रकार के शौचालय हैं।

19. ड्रेनेज सिस्टम।

20. वॉशरूम है या नहीं।

21. रसोई घर है या नहीं, इसमें एलपीजीध्पीएनजी कनेक्शन है या नहीं।

22. रसोई के लिए इस्तेमाल होने वाला ईंधन।

23. रेडियोध्ट्रांजिस्टर।

24. टेलीविजन।

25. इंटरनेट की सुविधा है या नहीं।

26. लैपटॉपध्कंप्यूटर है या नहीं।

27. टेलीफोनध्मोबाइल फोनध्स्मार्टफोन।

28. साइकिलध्स्कूटरध्मोटर साइकिलध्मोपेड।

29. कारध्जीपध्वैन।

30. घर में किस अनाज का मुख्य रूप से उपभोग होता है।

31. मोबाइल नंबर

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