राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

मध्य प्रदेश से 17 दिन के सियासी ड्रामे के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का इस्तीफा, अपनी उपलब्धियों पर 16 बार कहा- भाजपा को यह रास नहीं आया

मध्य प्रदेश से 17 दिन के सियासी ड्रामे के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का इस्तीफा, अपनी उपलब्धियों पर 16 बार कहा- भाजपा को यह रास नहीं आया

शाम 5 बजे तक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना था, कमलनाथ ने इससे 4:30 घंटे पहले ही इस्तीफा दिया

कमलनाथ ने कहा- भाजपा न मेरे प्रदेश को हरा सकती है, न मेरे ही हौसले को हरा सकती है

मध्य प्रदेश का पॉलिटिकल हाई वोल्टेज ड्रामा 17 दिन पहले शुरू हुआ था। भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी खींचतान सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी और शीर्ष अदालत ने शुक्रवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। हालांकि, इससे 4:30 घंटे पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया। वे शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे मीडिया के सामने आए। करीब 25 मिनट बोले। 15 महीने पुरानी अपनी सरकार की 20 उपलब्धियां गिनाईं और 16 बार कहा कि भाजपा को हमारे काम रास नहीं आए। उन्होंने कहा- ‘‘भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। वह न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है।’’ कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले स्पीकर एनपी प्रजापति ने भाजपा विधायक शरद कोल का इस्तीफा मंजूर कर लिया। बताया जा रहा है कि कोल 6 मार्च को ही इस्तीफा दे चुके थे। स्पीकर ने आज उस पर फैसला लिया। हालांकि, भाजपा ने दावा किया कि कोल ने इस्तीफा नहीं दिया है।

कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शिवराज सिंह चौहान का ट्वीट

कमलनाथ ने भाषण में 5 आरोप लगाए

1.भाजपा साजिश करती रही
11 दिसंबर 2018 को मध्यप्रदेश विधानसभा का परिणाम आया। मेरे 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा है। भाजपा को 15 साल मिले। मुझे 15 महीने मिले। ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गए। प्रदेश का हर नागरिक गवाह है कि भाजपा को प्रदेशहित में किए गए मेरे काम रास नहीं आए। बौखलाहट में वे मेरे खिलाफ साजिश करते रहे। आप सब जानते हैं कि महीनेभर में जब हमारी सरकार बनी थी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार पंद्रह दिन-महीनेभर की सरकार है।

2. प्रलोभन का खेल खेला
आज हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर बंधक बनाने का काम किया है। करोड़ों रुपए खर्चकर प्रलोभन का खेल खेला गया। आज पूरा प्रदेश इसका गवाह है। एक महाराज और उनके द्वारा प्रोत्साहित 22 लोभियों के साथ मिलकर भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोभियों और बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

3. सरकार अस्थिर की

पिछले 15 महीने में हमने ी बार विधानसभा में बहुमत साबित किया। हमने जब यह बहुमत साबित किया तो उन्होंने इसे बर्दाश्त नहीं किया। मेरी सरकार को अस्थिर कर प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया। भाजपा को चिंता है कि प्रदेश नई दिशा में चल रहा है। वो लगे रहे कि वे मेरी सरकार को अस्थिर कैसे किया जाए। 15 महीनों में हमने तीन लाख किसानों का कर्ज माफ किया। दूसरे चरण में साढ़े सात किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया हुई।

4. भाजपा को हमारे काम रास नहीं आए

प्रदेश की सड़कों पर घूम रही हमारी गो-माता के संरक्षण के लिए एक हजार गोशाला बनाने का फैसला किया। यह भाजपा को रास नहीं आया। प्रदेश की जनता को 100 यूनिट बिजली का फायदा प्रदेश के 1 करोड़ लोगों को हुआ। भाजपा को यह भी रास नहीं आया। कन्या विवाह में 28 हजार से बढ़कर 51 हजार रुपए की मदद की। भाजपा को यह रास नहीं आया। राम वनपथ गमन के निर्माण का संकल्प लिया। सीता माता का मंदिर श्रीलंका में बनाने का निर्णय लिया। यह भाजपा को रास नहीं आया।
’’हमने ओंकारेश्वर मंदिर के विकास की योजना बनाई। यह भाजपा को रास नहीं आया। पुजारियों का मानदेय हमने तीन गुना बढ़ाया। यह भाजपा को रास नहीं आया। आदिवासी भाइयों के लिए काम किया। वहां स्कूल खोले। 15 महीने में हमने 400 वादे पूरे किए। भाजपा को यह रास नहीं आया। आरक्षण का प्रावधान किया। भाजपा को यह रास नहीं आया। आर्थिक रूप से सामान्य कमजोर वर्ग के लिए काम किया। यह भी रास नहीं आया। प्रदेश में निवेश विश्वास से आता है। हमने मध्यप्रदेश को ऐसा प्रदेश बनाया, जहां झूठी घोषणाएं नहीं थीं। 15 महीने में हमारी सरकार में किसी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। हम विकास के पथ पर हम हमेशा रहेंगे। चुनौतियों का हम डटकर मुकाबला करेंगे। कर्तव्य पथ पर न रुकेंगे, न डिगेंगे।’’
5. किसने पैसा दिया, कल या परसों सामने आ जाएगा

भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। व न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है। हमारे पास पद हो या नहीं हो, प्रदेश के हमारे नौजवान, पिछड़ा वर्ग और किसानों के हित के काम में हम लगे रहेंगे। 9 मार्च को 16 विधायकों को लेकर ले गए थे। किसने पैसा दिया, किसने दबाव डाला, ये समय के साथ सामने आ जाएगा। आज के बाद कल आता है, कल के बाद परसों भी आता है। परसों आएगा। जनता तय करेगी। मैंने यह तय किया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं और इसका कारण यह है कि जिन सिद्धांतों का पालन मैंने किया है।’’

भाजपा का पलड़ा भारी

कांग्रेस के सभी 22 बागियों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद संख्या बल में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके 106 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास स्पीकर समेत सिर्फ 92 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा-सपा के 7 विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में अगर फ्लोर टेस्ट होता तो कमलनाथ के लिए सरकार बचाना मुश्किल होगा।

22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद विधानसभा की स्थिति

मध्यप्रदेश के 2 विधायकों के निधन के बाद कुल सीटें = 228
इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायक = 22
22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद सदन में सीटें (228-22) = 206
इस स्थिति में बहुमत के लिए जरूरी = 104
भाजपा = 107 (बहुमत से 3 ज्यादा)
*कांग्रेस+ = 99 (बहुमत से 5 कम)
*कांग्रेस के 92 विधायक रह गए हैं।