शिक्षक एवं पढाई के अभाव में इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा में शनिवार से शामिल होंगे छात्र
पंकज कुमार सिंह की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
मशरक (सारण)। उत्क्रमित एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रायोगिक विषय के शिक्षकों की बहाली आज तक नही हो पाई है कुछेक विद्यालयों में विज्ञान संकाय के कुछ विषय के अतिथि शिक्षक कार्यरत है। जबकि कई ऐसे विद्यालय है जहां उच्चतर माध्यमिक कक्षा के एक भी शिक्षक नही है। स्कूलो को विभाग द्वारा प्रायोगिक सामग्री खरीदने एवं प्रयोगशाला रखरखाव के लिए लाखों रुपए मिले है। लाखों की सामग्री खरीदने में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है किंतु इक्के दुक्के विद्यालय में प्रयोगशाला दिखा। शिक्षकों के नही होने के कारण विद्यालय में विज्ञान एवं कला संकाय में प्रायोगिक विषय की पढ़ाई से छात्र छात्रा वंचित रहते है बगैर पढाई के ही प्रयोगिक परीक्षा में शामिल होना इनकी विवशता है। पूरे जिला के अलावे मशरक में वैसे विद्यालय भी प्रयोगिक परीक्षा के लिए परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं जहां शिक्षक नही होने के कारण आंतरिक परीक्षक भी वित्तरहित कॉलेज से प्रतिनियुक्त किए जा रहे है। प्रयोगिक परीक्षा केन्द्र बनाने को लेकर भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा प्रयोगशाला एवं शिक्षक वाले स्कूलो का चयन नही किया जा सका है। जिस कारण प्रायोगिक परीक्षा खानापूर्ति बनकर रहने की संभावना पूर्व की भांति ही दिख रही है। विद्यालयों में सामान्य विषय एव प्रायोगिक विषय की पढ़ाई वर्तमान सत्र में कोरोना के कारण एक दिन भी नही हो पाई है। ग्रामीण क्षेत्र के छात्र छात्राओं के लिए ऑनलाइन क्लासेज भी पूरे वर्ष भर सपना बना रहा। बावजूद इसके परीक्षा होगी , बच्चे पास भी कर जाएंगे किन्तु गांव के प्रतिभाशाली मेधा बगैर विषयगत जानकारी के आखिर उस डिग्री का क्या करेगी इसकी चिन्ता पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अलावे अविभावकों को भी सता रही है ।
अपग्रेड उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहित कई विद्यालयों में कला शिक्षक ही दे रहे प्रायोगिक ज्ञान
मशरक मुख्यालय के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान प्रायोगिक विषय के दो नियोजित शिक्षक एवं दो अतिथि शिक्षक है जबकि अन्य एक दर्जन से अधिक विद्यालयों में इक्के दुक्के अतिथि शिक्षक ऐसे में 4 जनवरी से स्कूल खुलने के बाद शिक्षा एवं मिड डे मील को लेकर चर्चित गंडामन में अपग्रेड उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय सहित अन्य विद्यालयों के अतिथि एवं नियोजित कला शिक्षक बच्चो को प्रयोगिक विषय की तैयारी कराने में जुटे है । इन विद्यालयों में कला संकाय के शिक्षक ही बच्चो के आग्रह पर विज्ञान भी पढ़ाते है। प्रायोगिक परीक्षा केन्द्र वाले विद्यालयों में आंतरिक परीक्षक भी अधिकांश जगह नियोजित माध्यमिक शिक्षकों को ही बनाने की चर्चा है।ग्रामीण क्षेत्र की छात्राए अधिकांश गृह विज्ञान एव मनोविज्ञान रखती है जबकि इन विषय के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में एक भी नही है ।


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