बीमार मां से मुंह मोड़ा कलियुगी पुत्र, काफी खर्च के बाद अब बेटी का भी टूट रहा हिम्मत
नवादा (बिहार)। कहते हैं कि मां – पिता की पुश्तैनी जमीन पर उनके पुत्रों का हक होता है। लेकिन जमीन और संपति पर तो पुत्रों द्वारा अपना अधिकार जताकर हड़प लिया जाता है लेकिन अपने मां-बाप के प्रति जिम्मेवारी भूल जाते है । ऐसा हीं मामला हिसुआ ऊपर बाजार की है ,जहां दो पुत्र और एक पुत्री की सुखी संपन्न परिवार होने के बावजूद मां सावित्री देवी पति स्व. लखन लाल को बेटी के यहां रहकर बमुश्किल से जीवन यापन करना पड़ रहा है । वर्षों से बेटी के यहां रह रही मां विगत 21 नवंबर 2020 को बेटी के यहां मां गिरकर बुरी तरह जख्मी हो गयी, जिससे कमर और पैर की हड्डियां टूट गयी । नवादा निवासी विधवा पुत्री सुलेखा देवी ने अपनी मां का आॅपरेशन और इलाज में कर्ज लेकर एक लाख 40 हजार रुपए खर्च किया। अभी भी प्रतिदिन के हिसाब से हजारों रुपए की सुई -दवाई चल रहा है ,लेकिन पुत्रों ने मां की सेवा और खर्च से मुंह मोड़ लिया है । बड़ा पुत्र तो थोड़ी बहुत बहन की खर्च में सहायता किया करता है लेकिन छोटा पुत्र श्यामसुंदर प्रसाद गोविंद स्वर्णकार मां की सेवा और खर्च से पुरी तरह से हाथ खड़ा कर लिया है। जिसको लेकर बहन सुलेखा देवी को पुलिस की सहायता लेना पड़ा । लोक जनशक्ति पार्टी के उपाध्यक्ष सह प्रभारी लक्खीसराय शेखपुरा माहिला सेल सुलेखा देवी ने नवादा आरक्षी अधीक्षक को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है । उन्होनें कहा भाई गोविंद स्वर्णकार मां पिताजी का सारा जमीन धोखे से अपने नाम कराकर सभी रिश्ते-नाते खत्म कर दिया है । किसी प्रकार का कोई खर्च मां को नहीं दे रहा है । उन्होंने कहा लिखित रूप से हिसुआ थानाध्यक्ष के समक्ष फैसला हुआ था कि ठीक है मां बेटी के यहां रहेगी और दोनों बेटा सारा खर्च चलाएगा । लेकिन सारा फैसला कागज पर हीं सिमट कर रह गया है । मां की संपति को बिक्री कर रहा है और मकान बना रहा है बावजूद मां को ही दवा और पेट के लिए तरसना पड़ रहा है ।


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