बिहार में फिर साथ होगी लव-कुश की जोड़ी, नीतीश और कुशवाहा के साथ आने के मायने क्या?
नई दिल्ली, (एजेंसी)। बिहार में एक बार फिर लव और कुश की जोड़ी साथ नजर आ सकती है। इसकी संभावनाएं अब लगभग प्रबल है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा एक मंच पर एक साथ हो सकते हैं। इतना ही नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किया जा सकता है और उन्हें कोई बड़ा मंत्रालय भी दिया जा सकता है। चर्चा शिक्षा मंत्रालय को लेकर जोरों पर है। उपेंद्र कुशवाहा केंद्र में भी शिक्षा राज्य मंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि दोनों एक साथ कब आएंगे। इसको लेकर अभी भी इंतजार लगातार जारी है। दोनों के एक साथ होने की संभावनाओं को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे को अलग नहीं बता रहे हैं, ना हीं दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर कोई आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच कई बार मुलाकात भी हो चुकी है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले देखा जाए तो नीतीश कुमार पर उपेंद्र कुशवाहा जमकर बरसते थे। लोकसभा चुनाव से पहले उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग हुए तो इसका कारण भी नीतीश कुमार का एनडीए में आना था। लेकिन नीतीश कुमार-उपेंद्र कुशवाहा का साथ आना और जुदा होना कोई नई बात नहीं है। दोनों समय-समय पर अलग-अलग रास्ते अपनाते रहे हैं। लेकिन इस बार अगर नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा एक साथ आ रहे हैं तो इसका राजनीतिक कारण भी है। दरअसल 2020 की विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से दोनों ही नेताओं को एक साथ आना मजबूरी भी बन गया है। जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का सफाया हो गया तो वहीं नीतीश कुमार कि जदयू भी उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी राजनीतिक पारी नीतीश कुमार के साथ ही शुरू की थी। उपेंद्र कुशवाहा को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग को ज्यादा मजबूत करेंगे जिससे की पार्टी को धार मिल सकता है। जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी कह चुके हैं कि उपेंद्र कुशवाहा अगर पार्टी में आते हैं तो इसका हम स्वागत करेंगे। दोनों एक दूसरे के पुराने मित्र हैं।


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