राष्ट्रनायक न्यूज

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सदर अस्पताल का रीजनल कोचिंग टीम ने किया निरीक्षण

सदर अस्पताल का रीजनल कोचिंग टीम ने किया निरीक्षण

  • प्रसव रूम एवं अन्य सुविधाओं की आरपीएम के नेतृत्व में हुई गहन जांच
  • लक्ष्य द्वारा प्रमाणीकरण से सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा
  • अस्पताल में संस्थागत प्रसव को लेकर हो रही सार्थक पहल

किशनगंज (बिहार)। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से लक्ष्य  कार्यक्रम के तहत प्रमाणीकरण के लिए सदर अस्पताल का रिजिनल कोचिंग टीम के द्वारा निरीक्षण किया गया।  इस निरीक्षण टीम में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा, एक्सटर्नल असेरोर डॉ प्रीति मैदान थे। जिसका नेतृत्व आरपीएम नजमुल होदा ने किया। निरीक्षण के दौरान संस्थागत प्रसव को लेकर कई तरह के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सदर अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को पहले की अपेक्षा और बेहतर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए आरपीएम के अलावा ज़िला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा लगातार दौरा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। टीम के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अलोक में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मी संस्थागत व सुरक्षित प्रसव को लेकर पूरी तरह से सजग हैं। अस्पताल प्रशासन, केयर इंडिया की टीम के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है।इस अवसर पर , डॉ देवेंद्र कुमार , केयर इंडिया के जिला टीम लीड प्रशनजीत प्रामाणिक ,डीटीओ एफ  डॉ सनोज कुमार, ए ग्रेड नर्स शिप्रा भट्टाचार्य , उषा कुमारी , केयर की मेंटर गुंजन छेत्री ,सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

प्रसव रूम एवं अन्य सुविधाओं की आरपीएम के नेतृत्व में गहन जांच: आरपीएम

सदर अस्पताल के निरीक्षण को आये क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध संसाधनों का बारीकी के साथ निरीक्षण किया गया । प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह के आवश्यक फाइलों की गहन जांच की गयी और अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित सभी तरह के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई । निरीक्षण के दौरान लेबर रूम से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई है। इसके लिए जीएनएम को बेहतर कार्य करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। लक्ष्य टीम के द्वारा दोनों सीएचसी के अधिकारियों व जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया और सख़्त निर्देश देते हुए कहा गया कि अविलंब मग्सल्फ़, कैल्शियम ग्लूकोनेट, डेक्सामेथासोन, एम्पीसिलिन, जेन्टामाइसीन, मेट्रोनिदाजोल, हाइड्रोकोरटीसोन सक्सीनेट, नेफीदेपिन, मिथाइलडोपा जैसी दवाओं की आपूर्ति सहित कई अन्य सामग्रियों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

लक्ष्य द्वारा प्रमाणीकरण से सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा:

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन  ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यह होता है कि प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाये गए एसएनसीयू की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

अस्पताल में संस्थागत प्रसव को लेकर सार्थक पहल:

लक्ष्य एक्सटर्नल एक्ससेसोर मेंटर डॉ प्रीति मैदान ने लक्ष्य योजना के संबंध में बताया कि लक्ष्य योजना के तहत भारत सरकार द्वारा प्रसव कक्ष व मेटरनिटी ओटी के लिए प्रमाणीकरण की व्यवस्था की गयी है। जो मानक स्तर पर प्रसव से संबंधित सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद ही दी जाती हैं । हालांकि इसकी व्यवस्था तीन स्तरों पर की गई है। पहला अस्पताल स्तर पर क्वालिटी सर्किल टीम, दूसरा जिला स्तर पर जिला गुणवत्ता यकीन समिति, रिजनल स्तर पर रीजनल कोचिंग टीम के स्तर से निरीक्षण के बाद ही निर्धारित मानकों के आधार पर कम से कम 70 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त होने के बाद इसे राज्य स्तर पर मान्यता लेने के लिए भेजा जाता है। इसके ही राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा गठित टीम के द्वारा  प्रसव कक्ष और ओटी के निरीक्षण के बाद ऑडिट किया जाता है। मुख्यालय के टीम द्वारा विभिन्न मानकों के निरीक्षण में कम से कम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए तभी राज्यस्तरीय टीम के द्वारा उसे प्रमाण पत्र दिया जाता है। राज्यस्तरीय प्रमाण पत्र के बाद इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजा जाता है। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की टीम अस्पताल का निरीक्षण व ऑडिट करती है। कम से कम 70 प्रतिशत अंक मिलने पर ही लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त होता है।

कोरोना काल में  इन उचित व्यवहारों का करें पालन:

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।