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बिजली मीटर की जांच करायी तो जेब होगी ढीली, 200 से लेकर 2000 रुपए तक लग सकता है शुल्क

पटना (बिहार)। बिजली मीटर खराब होने पर उसकी जांच में अब अधिक जेब ढीली करनी पड़ सकती है। बिजली कंपनी ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष मीटर जांच का शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्तावित शुल्क 200 से लेकर 1100 रुपए तक है। अगर आयोग की मुहर लगी तो लोगों को एक अप्रैल से नई दर के अनुसार ही मीटर जांच करानी होगी। बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन के अनुसार लोगों को अलग-अलग मीटर दिए जाते हैं। घरेलू श्रेणी में अधिकतर उपभोक्ता सिंगल फेज मीटर का उपयोग करते हैं। जबकि व्यवसायिक, छोटे उद्योग, बड़े उद्योग में मीटर अलग होते हैं। बिहार में अभी एक करोड़ 62 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं की संख्या हो चुकी है। इसमें 94 फीसदी से अधिक घरेलू श्रेणी के हैं। घरेलू श्रेणी में सिंगल फेज मीटर की जांच के लिए कंपनी ने आयोग को 200 रुपए का प्रस्ताव दिया है।

20 किलोवाट से अधिक कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को थ्री फेज एलटी सीटी आॅपरेटेड बाईडाइरेक्शनल मीटर दिया जाता है। इस तरह का मीटर ले रखे उपभोक्ताओं को मीटर जांच कराने पर 800 रुपए का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि थ्री फेज मीटर एलटी बाईडाईरेक्शनल मीटर वाले उपभोक्ताओं को मीटर जांच कराने में 400 रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। थ्री फेज मीटर में ही सीटी बाईडाइरेक्शनल मीटर होने पर उपभोक्ताओं को 6000 रुपए देने पड़ सकते हैं। जबकि थ्री फेज हाईटेंशन टीओडी बाईडाइरेक्शनल मीटर की जांच कराने का शुल्क 1100 का प्रस्ताव दिया गया है। जबकि ट्राई वेक्टर एंड स्पेशल टाइप बाईडाइरेक्शनल मीटर होने पर उपभोक्ताओं को 2000 रुपए देने होंगे।

अगर किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसे अधिक बिजली बिल मिल रहा है तो वे उसकी जांच कराने के लिए कंपनी कार्यालय में आवेदन करते हैं। आवेदन के बाद कंपनी संबंधित उपभोक्ताओं की मीटर जांच करती है कि उसमें कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है। इसी जांच के नाम पर कंपनी पैसा लेती है। इसी तरह औचक छापेमारी अभियान में कंपनी के इंजीनियरों को लगता है कि उपभोक्ताओं के घर में लगे मीटर से छेड़छाड़ किया गया है तो उसकी लैब में जांच होती है। छेड़छाड़ की पुष्टि होने पर उपभोक्ताओं से मीटर जांच के साथ ही बिजली चोरी के रूप में जुमार्ने की राशि भी वसूली जाती है।