पटना (बिहार)। बिहार के थानों को सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोड़ने का काम जल्द ही पूरा हो सकता है। शुक्रवार तक 711 थाना क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग एंड नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का हिस्सा बन गए। इन थानों को कम्प्यूटर नेटवर्क के जरिए स्थानीय अदालतों से भी लिंक कर दिया गया है। इसके फायदे भी दिखने लगे हैं। इन थानों के हजारों एफआईआर डिजिटल फॉर्म में आईसीजेएस के पोर्टल पर उपलब्ध हैं। 31 मार्च तक 894 थानों को सीसीटीएनएस से जोड़ने का लक्ष्य।
सीसीटीएनएस नेटवर्क से जुड़ चुके थानों में दर्ज होनेवाली एफआईआर को डिजिटल फार्म में तैयार किया जाता है। इसके लिए नेटवर्क में पहले से व्यवस्था की गई है। एफआईआर के साथ ही स्टेशन डायरी की भी इंट्री डिजिटल फार्म में की जाती है। एफआईआर का डिजिटल फार्म सीसीटीएनएस के सेंट्रल सर्वर के जरिए इंटर आॅपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) के पोर्टल पर चला जाता है। इसके बाद यह अदालत के लिए उपलब्ध होता है। अदालत जब चाहे एफआईआर को अपने यहां मौजूद कम्प्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल कर देख सकती है। 711 थानों में आॅनलाइन इंट्री की जा रही है। हालांकि अभी थानों में डिजिटल के साथ मैनुअल तरीके से भी ये काम हो रहा है।
पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के मुताबिक राज्य के 711 थानों में सीसीटीएनएस पूरी तरह काम करने लगा है। इन थानों में जो भी एफआईआर दर्ज हो रहे हैं उन्हें डिजिटल फॉर्म में तैयार किया जा रहा है। 18 फरवरी तक 84597 एफआईआर 2753818 स्टेशन डायरी को डिजिटल फॉर्म में सीसीटीएनएस के सेंट्रल सर्वर पर अपलोड कर दिया गया है। चार्जशीट के साथ गिरफ्तारी व बरामदगी की जानकारी भी अपलोड की जा रही है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी और सभी आंकड़े इसी तरह डिजिटल फार्म में अपलोड करने का काम जारी रहेगा। फिलहाल अदालतों को हार्ड कॉपी के साथ एफआईआर और चार्जशीट, डिजिटल फार्म में भी भेजा जा रहा है।
सीसीटीएनएस परियोजना इंटरआॅपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) का एक हिस्सा है। आईसीजेएस के तहत न्यायालय, अभियोजन, पुलिस, जेल और एफएसएल को जोड़ा जाना है। परियोजना के पूरा होने के बाद क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की सभी संस्थाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म में एक-दूसरे से जुड़ जाएंगी। राज्य के 711 थाना और 206 पुलिस कार्यालयों सीसीटीएनएस से जुड़े गए हैं।


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