नयी दिल्ली, (एजेंसी)। भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल आॅफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) के बीच बुधवार को हॉटलाइन पर बातचीत हुई है। इसमें 2003 के युद्धविराम समझौते को नए सिरे से लागू करने पर सहमति बन गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि इस साल 28 जनवरी तक युद्धविराम के उल्लंघन की कुल 299 घटनाएं हुई हैं। जबकि पिछले साल 5133 बार युद्धविराम हुआ था। जिसके चलते नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब रहने वाले लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ता है। हालांकि, इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए युद्धविराम समझौते को लागू करने पर सहमति बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों ने युद्धविराम समझौते को सख्ती से लागू करने पर सहमति जताई है।
2003 में लागू हुआ था युद्धविराम: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम 25 नवंबर 2003 की आधी रात को हुआ था। हालांकि, पाकिस्तान लगातार युद्धविराम का उल्लंघन करता आया है। बता दें कि आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अक्सर आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश करता आया है और यह किसी से छिपा नहीं है। इसी एवज में वह युद्धविराम का उल्लंघन करता आया है। युद्ध विराम के तहत युद्ध को या कहें संघर्ष को अस्थाई तौर पर रोकने का समझौता होता है और फिर समझौते करने वाले देश अक्रामक कार्रवाई नहीं करते हैं और यदि ऐसा होता है तो उसे उल्लंघन माना जाता है।


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