राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

बेगूसराय आयुर्वेदिक औषधालय की स्थति दयनीय, उद्धारक की प्रतिक्षा में

बेगूसराय (बिहार)। नावकोठी बेगूसराय नावकोठी प्रखण्ड क्षेत्र के नावकोठी स्थित आयुर्वेदिक औषधालय भवन की स्थति दयनीय । प्रखण्ड क्षेत्र का इकलौता आयुर्वेदिक औषधालय खंडहर में तब्दील। जर्जर भवन जीर्णोंद्धार के लिए उद्धारक की प्रतिक्षा में। बताते चलें कि तत्कालीन जमींदार ठाकुर प्रसाद की धर्मपत्नी लाखो कुंवरी ने अपनी हवेली दान कर आयुर्वेदिक औषधालय की स्थापना करवायी थी। इसकी स्थापना के बाद सम्पूर्ण प्रखण्डवासी इलाज करवाकर लाभांन्वित होते थे। इस औषधालय में डाक्टर , कम्पाउन्डर, ड्रेसर, आदेशपाल, सफाई कर्मी इत्यादि की बहाली की गयी थी। सेवा निवृति और स्थानांतरण के बाद धीरे – धीरे स्टॉफ की कमी होने लगी जिसके बाद वर्तमान में एक डाक्टर और दो कम्पाउन्डर बचे हैं। औषधालय भवन की स्थति जर्जर हो जाने के कारण इसकी छ्त टूटकर गिरने लगा है और बरसात के मौसम में पानी का टपकना लगातार जारी रहता है। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि इस औषधालय के पास कुल 49 बीघा 16 कट्ठा 14 धूर जमीन है।इस अस्पताल के पास भूमि चार अंचलों में नावकोठी, बेगूसराय, बखरी और गढ़पुरा में है। इस औषधालय की स्थापना 21 अप्रैल 1972 ई० में हुई थी।दानपत्र में लाखो कुंवरी दातव्य चिकित्सालय के नाम से अस्पताल है।इस अस्पताल की भूमि को प्रतिवर्ष बन्दोवस्त कर इसकी राशि कोषागार में जमा करने का आदेश चारों अंचलाधिकारी को पत्रांक 102 दिनांक 17/01/2004ई० को जिलाधिकारी बेगूसराय के द्वारा दिया गया था। जिसपर आजतक कार्यवाही नहीं हुई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों से इस औषधालय की जीर्णोंद्धार तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए कई वार कोशिश किया जा चुका है लेकिन लेकिन एक कहावत है ढ़ाक के तीन पात यही स्थति औषधालय की बनी हुई है।