- स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मंत्री पंडित गिरीश तिवारी की 121वीं जयंती मनी
- आज स्वतंत्रता सेनानी का परिवार बदहाली के दौर से गुजर रहा है
- प्रखंड मुख्यालय पर स्थित स्व तिवारी की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाना आला अधिकारी भूल गए
- प्रतिमा के इर्द-गिर्द लगा कूड़े का अंबार, नहीं हुई प्रतिमा की साफ।सफाई
- तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने किया प्रतिमा का अनावरण
संजीव शर्मा की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
मांझी (सारण)। स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मंत्री पंडित गिरीश तिवारी की 121 वी जयंती समारोह में बरेजा पहुंचे लोगों का दर्द छलक कर सामने आ गया। स्व तिवारी की जयंती व पुण्यतिथि से सरकार व समाज द्वारा की जा रही उपेक्षा से परिजन व ग्रामीण ब्यथित हैं। शनिवार को स्व तिवारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद सारण एमएलसी निकाय पद के प्रत्यासी सुधांशू रंजन ने कहा कि आजादी के बाद 1952 से 1967 तक विधायक व मंत्री रहे स्वतंत्रता सेनानी की जयंती व पुण्यतिथि सरकारी स्तर पर मनाई जानी चाहिए थी पर आज तक ऐसा नहीं हुआ। स्व तिवारी का परिवार बदहाली के दौर से गुजर रहा है। कोई उनकी सुधि लेने वाला तक नहीं है। स्व तिवारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों में कमलेश द्विवेदी लालबाबु सिंह।शिक्षक जदयू नेता निरन्जन सिंह, शशिभूषण सिंह सुभाष ओझा, नितीन पाण्डेय, विश्वनाथ चौबे, राजेश पाण्डेय तथा विजय शंकर शुक्ल आदि शामिल थें। संचालन प्रवीण चन्द्र तिवारी अधिवक्ता ने किया। मांझी प्रखंड मुख्यालय पर स्थित स्व तिवारी की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाना लोग भूल गए। प्रतिमा की साफ सफाई तक नही की गई। प्रतिमा के इर्द गिर्द कूड़े का अंबार लगा हुआ है। मालूम हो कि उक्त प्रतिमा का अनावरण तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने किया था।


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