राष्ट्रनायक न्यूज।
दरभंगा (बिहार)। जब तक जायज मांगे पूरी नही होती, जारी रहेगी अनिश्चितकालीन हड़ताल। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी दफ्तरों में नियोजित एवं कार्यरत कार्यपालक सहायको ने सरकार के निजीकरण नीति एवं शोषणकारी शाशी परिषद की 29 वी बैठक में लिए गए निर्णय के विरुद्ध बिगुल फूंक दिया है। जिला इकाई दरभंगा के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार सिंह ने धरना स्थल पर उपस्थित कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हड़ताल का चौथा दिन है और सरकार के कान पर जूं तक नही रेंगी है। सरकार की नीयत ही ठीक नही है, उनकी मंशा कार्यपालक सहायको के शोषणकारी नीति को बढ़ावा देने बाला है। राज्य सरकार को बेल्ट्रान से कमीशन के रूप में 18 प्रतिशत जी एस टी प्राप्त होती है इसके अतिरिक्त कई निजी फाउंडेशन को मुनाफा होता है इसलिए सरकार हम सभी कार्यपालक सहायकों को निजी कम्पनी के हाथों धकेलने का स्वार्थपूर्ण प्रयाश कर रही है। इससे राज्य भर के करीब 30000 से ज्यादा कार्यरत कार्यपालक सहायको के बीच राज्य सरकार के दमनकारी नीति के विरुद्ध रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि हम पीछे हटने बाले नही है, राज्य कार्यपालक सहायक , बिहार ,पटना के बैनर तले हम आंदोलन जारी रखेंगे क्योंकि हमारी मांग पूर्णत: जायज है और न्यायोचित भी है अत: सरकार से अनुरोध है कि अपनी जिद छोड़कर हम सभी की मांगे मान लें। उन्होंने कहा कि आज हड़ताल के चौथे दिन सभी सहायको द्वारा रॉड शो के माध्यम से थाली पिट कर अपना विरोध प्रदर्शन किया गया है आगे की रणनीति पर विचार चल रही है।जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अन्वेष कुमार पाण्डेय ने कहा कि कल से ही बिभिन्न जिलों में कार्यमुक्त करने की धमकी मिलनी शुरू हो चुकी है किंतु हमे अपनी एकता को बरकरार रखना है और चूंकि यह हमारे अपने अस्तित्व की लड़ाई है इसलिए हम पीछे क्यों हटेंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहे कोविड-19 का दौर हो , राशन कार्ड निर्माण की बात हो, या आयुष्मान कार्ड निर्माण, चुनाव का समय हो अथवा कोई अन्य विभागीय कार्य ही क्यों न हो हम सभी कार्यपालक सहायकों ने जी जान से दिन रात एक करके वरीय पदाधिकारी एवं सरकार के आदेशों का पालन अक्षरस: किया है। पंचायत चुनाव जैसे महत्वपूर्ण दौर में हमारा उद्देश्य हड़ताल पर जाने का कतिपय नही था किंतु सरकार के नीति विरुद्ध फैसले के कारण राज्य भर के सहायको में असंतोष की भावना जागृत हो गयी है। वे सभी सरकार के तुगलकी फरमान से काफी निराश हो चुके हैं अंत मे सभी के सर्वसम्मति से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लिया गया है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हम भी आपके अभिन्न अंग हैं, हमारा भी परिवार है , हमें भी महगांई की दंश को झेलना पड़ता है। हमे अपने अंग से इतर न सोंचे। हमारे परिवार के भरण पोषण का भी उत्तरदायित राज्य सरकार का बनता है।
जिला सचिव ने कहा कि सरकार जल्द आचार संहिता लगाकर पुन: हमलोगों के आवाज को दबाना चाहती है। रोज नए नए फरमान जारी कर शोषण के नए आयाम लिखने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लगने से पहले हमारी न्यायोचित मांगे पूरी करें राज्य सरकार।
अंत मे सभा अध्यक्ष श्री कुमार ने कहा कि हम सभी कार्यपालक सहायक अपने कार्य में कुशल एवं दक्ष है अत: सरकार अगर हमारी मांगे समय रहते पूरी नही करता है तो राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ , बिहार, पटना के बैनर तले यह आंदोलन उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने सरकार से यह आग्रह किया कि आप पुन: शाशी परिषद की 29 वी बैठक के फरमान को पढिये क्या कहीं से भी यह आपको अपने सेवक के प्रति न्यायसंगत प्रतीत होता है जबकि आप एक जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त करते रहें हैं। उन्होंने कहा कि हमारी माँगो को नीतीश सरकार के ही साथी दल एवं उपमुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं ने जायज करार दिया है एवं माननीय मुख्यमंत्री से हमारी मांगो को पूरा करने हेतु पत्र भी लिखा है।
इस बैठक में अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह, जिला प्रवक्ता अन्वेष कुमार पाण्डेय,सोहन झा, जिला सचिव अजय कुमार अनल, राजेश कुमार, परितोष कुमार, मनोज कुमार सिंह, ललन कुमार शर्मा, अजय कुमार, मनीषा कुमारी , मेघा कुमारी, विद्या कुमारी, बिमल कुमार, लालबाबु शर्मा, राधेश्याम ठाकुर, सरोज कुमार, सुनील गिरी, राजाराम कामत,स्मिता कुमारी, रीता कुमारी, अंकिता, ऋचा, पूजा, अस्मिता ,दीपमाला, प्रियंका,विभा , सुगंधा, नियति सहित अन्य विभागों के करीब 700 कार्यपालक सहायक मौके पर उपस्थित थे।


More Stories
सरस्वती पूजा के अवसर पर मांझी में हुआ क्विज प्रतियोगिता का आयोजन
1 फरवरी से जिला के 70 परीक्षा केंद्रों पर होगी इंटरमीडिएट परीक्षा, 61686 परीक्षार्थी होंगे परीक्षा में शामिल
हथियार के बल पर पके हुए मक्के खेत से जबरदस्ती काट कर ले जा रहा था मना करने दी जान से मारने की धमकी