देहरादून, एजेंसी। कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जिसके तहत हरिद्वार कुंभ में जाने के लिए श्रद्धालुओं के पास कोरोना की नेगेटिव जांच रिपोर्ट होनी आवश्यक है। इसके अतिरिक्त हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फैसले की भी निंदा की है। जिसमें उन्होंने बिना कोरोना टेस्ट के ही श्रद्धालुओं को कुभ में आने की अनुमति प्रदान की थी।
विवादों में रहे रावत: मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से ही तीरथ सिंह रावत विवादों में घिरे रहे। उनके बयान इतने ज्यादा वायरल हुए कि महिलाओं ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक कैंपेन भी शुरू किया था। पहले फटी जींस को लेकर फिर ज्यादा बच्चों को पैदा करने वाले बयान की वजह से वह हर जगह छाए रहे हैं और अब उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुंभ को लेकर उनके द्वारा लिए गए फैसले की निंदा की है। हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सख्ती के साथ केंद्र और राज्य सरकार जारी की गई कोरोना गाइडलाइन्स को फॉलो करने के निर्देश दिए।
किन्हें टेस्ट कराने की जरूरत नहीं?
तो क्या हर किसी को कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत होगी ? हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोरोना वैक्सीन की खुराक ले चुके लोग अपना सर्टिफिकेट दिखाते हैं तो उन्हें छूट दी जा सकती है। हालांकि बाकी सभी लोगों को अपना कोरोना वायरस का टेस्ट कराना होगा और उनकी रिपोर्ट निगेटव होनी चाहिए।
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