नई दिल्ली, (एजेंसी)। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले साल तनाव पैदा करने वाला चीन एक बार फिर से चालबाजी दिखाने लगा है। चीन ने एलएसी के पास सरफेस टू एयर मिसाइल बैटरियों को तैनात किया है। चीन की इस हरकत पर भारत की करीब से नजर है। सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि जारी तनाव के मद्देनजर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सीमा के पास एचक्यू और एचक्यू 22 समेत सरफेस टू एयर मिसाइलों को तैनात कर रखा है।
HQ-9 रूसी S-300 एयर डिफेंस सिस्टम का एक रिवर्स-इंजीनियर वर्जन है और लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को ट्रैक और हिट कर सकता है। सूत्रों ने बताया, ”हम चीन द्वारा तैनात अन्य रक्षा संपत्तियों के साथ ही एयर डिफेंस सिस्टम पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं।” उन्होंने कहा कि हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि होटन और काशगर हवाई क्षेत्रों में लड़ाकू विमानों की संख्या कम हो गई है, लेकिन संख्या में समय-समय पर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही दोनों देश पैंगोंग झील से डिस-एंगेजमेंट कर चुके हों, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा तैनाती जारी है।
उधर, बातचीत में भी चीनी पक्ष ने गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स, डेप्सांग और डेमचॉक के पास सीएनएन जंक्शन से डिस-एंगेजमेंट करने में अनिच्छा जताई है। वहीं, भारत ने भी साफ कर दिया है कि भारतीय पक्ष भी तभी पीछे हटने पर विचार करेगा, जब चीनी सेना डिस-एंगेज करने के लिए सहमत होती है। भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ लद्दाख सेक्टर और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन तैनाती पर वापस लौटना शुरू कर दिया है।
पिछले साल से ही भारत और चीन की सेना के बड़ी संख्या में जवान बॉर्डर पर तैनात हैं। सुगर सेक्टर, सेंट्रल सेक्टर और पूर्वोत्तर सीमाओं में संरचनाओं और सैनिकों की तैनाती को भी मजबूत किया गया है। पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर भारतीय सामरिक अभियानों के कारण, भारतीय सेना फिंगर क्षेत्र से डिस-एंगेजमेंट करवाने में सफल रही है। वहीं, अन्य सेक्टर्स से चीनी सेना को पीछे भेजने के लिए भारत-चीन के बीच बातचीत जारी है।


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