राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)। सूबे में इस बार मानसून की बारिश सामान्य से कम होगी। मौसम विभाग की ओर से जारी ताजा पूवार्नुमान के मुताबिक ईस्टर्न यूपी और राज्य के पश्चिमी भाग में सामान्य से कम बारिश के आसार हैं, जबकि पूर्वी बिहार में स्थिति थोड़ी बेहतर रहेगी और सामान्य के आसपास बारिश होगी। सूबे में कहीं भी सामान्य से अधिक बारिश का पूवार्नुमान नहीं है। हालांकि मौसम विदों का कहना है कि अभी यह प्राथमिक आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर जारी किया गया पूवार्नुमान है। मई के अंत तक जारी होने वाले पूवार्नुमान की सटीकता ज्यादा बेहतर होगी। अभी समुद्री ताप सहित अन्य कारकों के आंकड़ों का वृहद विश्लेषण बाकी है। ऐसे में मई के अंतिम हफ्ते में जारी होने वाला पूवार्नुमान ज्यादा तार्किक और विश्लेषण आधारित होगा।
गौरतलब है कि पिछले साल मानसून सीजन में लगातार मौसमी सिस्टम के बने रहने की वजह से सूबे के लगभग सभी भागों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई थी। बारिश ने पिछले दो दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। ताजा पूवार्नुमान का विश्लेषण करें तो इस बार गमी की स्थिति ज्यादा बने रहने के आसार है। ऐसे में सूबे में मानसून सीजन में भी कई इलाकों में प्रचंड ताप झेलना पड़ सकता है। 2019 तक मानसून के बिहार में पहुंचने का मानक समय 12 जून था। लेकिन हर साल इसमें लेटलतीफी होती थी। पिछले साल इसमें संशोधन किया गया। पूर्णिया में 13 जून को मानसून के सबसे पहले पहुंचने का मानक समय विज्ञान केंद्र पटना की ओर से किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2011 में बिहार में 17 जून को मानसून की पहली बारिश हुई थी।
इसके बाद 2014 में 19 जून, 2015 में 15 जून, 2016 में 18 जून, 2015 में 22 जून, 2017 में 17 जून, 2018 में 25 जून को मानसून की पहली बारिश हुई थी। इसके बाद लगभग एक हफ्ते इसके प्रसार में लगा था यानी पूरे सूबे में 20 जून के बाद ही हर बार मानसून का असल रंग दिखा था। 2020 में भी वायु चक्रवात ने मानसून को बुरी तरह प्रभावित किया था और जून के अंत में मानसून का असल रंग में बिहार में दिखा था। पिछले साल कई दशक के बाद बाद स्थिति ऐसी आयी है जब 13 जून को मानसून के बादल बिहार में समय पर बरसे थे।


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