पटना। राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों से जुड़े अंगीभूत महाविद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के रिक्त पड़े पदों पर बहाली होगी। पारंपरिक विश्वविद्यालयों के तहत करीब 260 अंगीभूत महाविद्यालय हैं। जानकारी के मुताबिक, इनमें से करीब 90 में नियमित प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। शेष तकरीबन 170 महाविद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद खाली हैं। ऐसे महाविद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापक के सहारे चल रहे हैं।
पटना विश्वविद्यालय समेत बिहार के जिन पारंपरिक विश्वविद्यालयों के अंगीभूत कॉलेजों में प्रधानाध्यापकों के पद खाली हैं, उनमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना, मगध विश्वविद्यालय बोधगया, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, ललित नारायण मिश्र मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा, बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा, जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर, तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर, मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर और पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया शामिल हैं।
विदित हो कि राज्य के विश्वविद्यालयों से अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का अधिकार छिन गया है। शिक्षकों की तरह ही अब बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से प्रधानाध्यापकों की भी बहाली होगी। इसके लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग अधिनियम 2017 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है। यह संशोधन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग अधिनियम 2021 के माध्यम से किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल, बिहार विधानमंडल और राज्यपाल सह कुलाधिपति की मुहर के बाद सरकार ने इससे संबंधित गजट भी प्रकाशित करा दिया है। इसके साथ ही यह संशोधित अधिनियम लागू भी हो चुका है।
शिक्षा विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग संशोधन अधिनियम 2021 के लागू होने के साथ ही राज्य के अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की अनुशंसा के अधिकार बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को मिल गए हैं। इसकी प्रक्रिया जल्द ही धरालत पर उतारने की तैयारी की जा रही है। प्रक्रियागत तैयारियों के बाद शिक्षा विभाग का उच्च शिक्षा निदेशालय राज्य के परंपरागत विश्वविद्यालयों से उनके अंगीभूत महाविद्यालयों से प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों का ब्योरा तलब करेगा। विश्वविद्यालयों को रिक्त पदों का रोस्टर क्लियरेंस कराकर कुल रिक्ति शिक्षा विभाग को देनी होगी। रिक्ति मिलने के बाद उन्हें समेकित कर शिक्षा विभाग नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के लिए इसकी अनुशंसा बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को कर देगा। आयोग द्वारा चयन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद विश्वविद्यालयवार चयनित सूची के उम्मीदवारों का अंगीभूत महाविद्यालयों में पदस्थापन संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा।


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