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पटना विश्वविद्यालय: ग्रेडिंग में सुधार नहीं किया तो मान्यता हो सकती है रद्द

पटना: पटना विश्वविद्यालय राज्य का पहला विवि है, जिसे नैक से बी प्लस ग्रेडिंग प्राप्त है। शेष विश्वविद्यालयों को बी और सी ग्रेड मिला है। इस विवि को नैक से अपग्रेडेशन का मौका मिला है, ताकि अपनी रैंक में सुधार कर लें। ताकि डीडीई की मान्यता पर कोई आंच नहीं आये। पिछले साल औपबंधिक तरीके से एक सत्र के लिए अस्थायी मान्यता मिल गयी थी। पर इस बार अगर रैंक में सुधार नहीं हुआ तो मान्यता जाना तय है।

पीयू को 2019 में पहली बार नैक से ग्रेडिंग मिली। तब पटना विवि प्रशासन ने ग्रेड अपग्रेडेशन की योजना बनाई। लेकिन इस पर बात आगे नहीं बढ़ी। पटना विवि प्रशासन ने अभी तक ग्रेडिंग के अपग्रेडेशन की तैयारी नहीं की है और आने वाले महीनों में यह संभव भी नहीं दिख रहा। ऐसे में पटना विवि की नई ग्रेडिंग अब 2024 के बाद ही दिखने की उम्मीद है।

नैक के नियमों के अनुसार, अगर कोई संस्थान अपनी ग्रेडिंग से खुश नहीं है या फिर अपनी ग्रेडिंग को अपग्रेड कराना चाहता है तो वह उसके लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन आवेदन के लिए ग्रेडिंग जारी होने के एक साल बाद यह प्रक्रिया शुरू हो सकती है और अधिकतम तीन वर्ष के अंदर आवेदन को पूरा कर लेना होगा। आवेदन के बाद जो दूसरी बार ग्रेड मिलेगा, वही मान्य होगा। पटना विवि को जुलाई 2019 में ग्रेड मिला था और इस हिसाब से पटना विवि जुलाई 2022 तक अपनी ग्रेडिंग को अपग्रेड कराने के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी कोई तैयारी नहीं हुई और आगे भी इसकी संभावना कम ही दिख रही है।

पटना विवि के ग्रेडिंग अपग्रेडेशन पर दूर शिक्षा निदेशालय का भविष्य भी टिका हुआ है। क्योंकि डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो ने दूर शिक्षा निदेशालय के संचालन के लिए विश्वविद्यालयों के पास कम से कम ए ग्रेड होना अनिवार्य कर दिया है। पिछले सत्र में ही पटना विवि के डीडीई को कंडिशनल एप्रूवल मिला था लेकिन आने वाले सत्र में इसमें परेशानी हो सकती है।

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