- मुखिया से मनमाने राशि वसूल करने में लगे हैं डीपीआरओ
- राज्य सरकार के निर्देश को ठेंगा दिखा रहे हैं जिला पंचायती राज पदाधिकारी
राष्ट्रनायक न्यूज।
अरवल। एक तरफ जहां कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी को लेकर पूरा देश जूझ रहा है ऐसे में राज्य सरकार के द्वारा बीते दिनों यह स्पष्ट निर्देश दी गई थी कि राज्य के विभिन्न जिलों प्रखंडों अनुमंडल व गांव के लोगों के बीच यथाशीघ्र मास्क का वितरण करें साथ ही सभी गांव को सेनीटाइज करें ताकि समय रहते कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से लोगों को निजात मिल सके परंतु हैरत इस बात की है कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं उनके कार्य शैली से ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं पूरे जिले को संक्रमित होने का इंतजार तो नहीं किया जा रहा है क्योंकि अब तक जिला पंचायती राज पदाधिकारी के मनमानी रवैया के वजह से जिले के विभिन्न प्रखंडों व गांव के लोगों के बीच मास्क का वितरण नहीं हो सका है जिससे स्पष्ट होता है कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी राज्य सरकार के निदेर्शों को ठेंगा दिखा रहे हैं हालांकि बीते दिनों कुर्था विधानसभा विकास मंच के संयोजक संतोष कुमार द्वारा भी इस मामले को लेकर पुरजोर तरीके से उठाई गई थी जिस पर उनके द्वारा कहा गया था कि 1 माह के अंदर जिले के सभी प्रखंडों पंचायतों व गांव में मास्क का वितरण की जाएगी परंतु हकीकत यह है कि लगातार करो ना की पहली स्टेज दूसरी स्टेज से लेकर तीसरे स्टेज तक हावी होता जा रहा है परंतु जिला पंचायती राज पदाधिकारी मास्क व गांव को सेनीटाइज करना तो दूर पंचायत प्रतिनिधियों से मनमाने रुपए वसूलने में लगे हैं बीते दिनों एक मुखिया प्रतिनिधि द्वारा कहा गया था कि 13वीं वित्त आयोग की राशि के लिए कई बार जिला पंचायती राज पदाधिकारी के पास चक्कर काटे यहां तक कि पंचायती राज पदाधिकारी अपने निकटतम लोगों के माध्यम से अवैध राशि का उगाही भी करते हैं लेकिन अब तक पंचायत प्रतिनिधियों को तेरा हमी वित्त आयोग की राशि भी मयस्सर नहीं हो सका जिसके वजह से जिले के अधिकांशत प्रखंडों व गांव के लोगों को अब तक न तो मास्क का वितरण किया जा सका है और ना ही पंचायतों व गांवों को सेनीटाइज किया गया है जिसके वजह से इस कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी के दौरान लोगों के बीच काफी दहशत का माहौल कायम है लेकिन इन सारी बातों से जिला पंचायती राज पदाधिकारी बिल्कुल अंजान बने हैं यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश दी गई है कि कोरोना काल में महज 33% ही लोग कार्यालय में अपना कार्यों का निष्पादन करेंगे परंतु हकीकत इस बात की है कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी इन बातों को भी नजरअंदाज कर रहे हैं और अपने चहेते लोगों को छुट्टी देकर मनमाने तरीके से अपने कार्यालयों में भी कार्य कर रहे हैं और जो लोग नहीं आ रहे हैं उन लोगों से स्पष्टीकरण भी किया जा रहा है एक तरह से कहा जाए तो जिला पंचायती राज पदाधिकारी जिले में अपने हिटलर शाही रवैया अपना रहे हैं जिसके वजह से पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जिले के लोगों में जिला पंचायती राज पदाधिकारी के प्रति स्पष्ट रोष देखा जा रहा है समय रहते अगर लोगों के बीच मास्क बाटने, सैनिटाइजेशन का कार्य नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कोरोना विस्फोटक जैसी मामलों से भी इनकार नहीं किया जा सकता है और इन सारे मामलों की जिम्मेवारी जिला पंचायती राज्य पदाधिकारी पर हो सकती है इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी स्पष्ट जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।


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