राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

स्पुतनिक- श् वैक्सीन की कोई गंभीर साइड इफेक्ट अभी तक सामने नहीं आया है

राष्ट्रनायक न्यूज।
दिल्ली, एजेंसी। भारत में कोविड के लिए तीन तरह के कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-श् वैक्सीन को मान्यता दी गई है। कोवैक्सीन को कउटफ और भारत बायोटेक द्वारा तैयार किया गया है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार किया गया और पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा इसका उत्पादन किया जा रहा है तथा स्पुतनिक- श् को मास्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया गया है और भारत में डॉ० रेड्डी लैब द्वारा बनाया गया है।

स्पुतनिक श् को 2-8त्उ पर स्टोर किया जा सकता है। यह भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। लेकिन अन्य वैक्सीन से इस वैक्सीन में फर्क है कि अन्य वैक्सीन एक वायरस से बनाया गया है, जबकि स्पुतनिक श्, दो वायरस हैं और इसके दोनों डोज अलग-अलग लेने होते हैं। स्पुतनिक श् को भारत सहित अन्य देशों में भी सबसे प्रभावी वैक्सीन माना गया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि भारत के लिए सबसे इफेक्टिव वैक्सीन है। स्पुतनिक श् को 91.6 % तक प्रभावी माना गया है। क्योंकि यह सर्दी, जुकाम और अन्य श्वसन रोग पैदा करने वाले एडेनोवायरस-26  और एडेनोवायरस-5 अर्थात 2 अलग अलग प्रकार के वायरस पर आधारित है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि यह कोरोना वायरस में पाए जाने वाले कांटेदार प्रोटीन – यही वो प्रोटीन है जो शरीर की कोशिकाओं अर्थात सेल्स में एंट्री लेने में मदद करता है) की नकल करती है, जो शरीर पर सबसे पहले हमला करता है। वैक्सीन शरीर में पहुंचते ही इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है और शरीर में एंटीबॉडी तैयार होने लगता है। बताया जाता है कि यही एंटीबॉडी शरीर को कोरोना वायरस से बचाती हैं।

स्पुतनिक वैक्सीन की दोनों डोज में दो अलग अलग वायरस उपयोग होते है, जिसमें एक है स्पुतनिक लाइट वैक्सीन, जो स्पुतनिक-श् वैक्सीन का पहला डोज है। इस वैक्सीन को लेने के तीन हफ्ते के बाद दूसरा डोज दिए जाते हैं। गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का दावा है कि स्पुतनिक-श् का पहला डोज भी कोरोना संक्रमण से बचाने में कारगर है और इसे ही स्पुतनिक-लाइट के रूप में लांच किया गया है जो 79.4% प्रभावी है। वैक्सीन की क्षमता की बात करें तो रूस की स्पुतनिक श् 91.6 प्रतिशत असरदार है और बीमारी की गंभीरता को कम करने में इसकी प्रतिक्रिया काफी अधिक है। इसकी तुलना में कोवैक्सीन 81 प्रतिशत असरदार है तो वहीं कोविशील्ड की 70.4 प्रतिशत।

सूत्रों ने बताया कि स्पुतनिक श् वैक्सीन को मंजूरी देने वाला भारत 60वां देश है। यह वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को उत्तेजित करता है। फरवरी 2021 में लैंसेट में प्रकाशित स्टडी के अनुसार स्पुतनिक श् के कॉमन साइड इफेक्ट्स भी है, जिसमें सिर दर्द, बहुत अधिक थकान महसूस होना, जिस जगह इंजेक्शन लगा हो वहां पर दर्द महसूस होना, फ्लू जैसी बीमारी शामिल है। इस वैक्सीन का कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट अभी तक सामने नहीं आया है।

You may have missed