राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

बिहार में 70% गरीब नहीं कर रहे हैं रसोई गैस का उठाव, लकड़ी तक खरीदने का पैसा नहीं

राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)। कोरोना संक्रमण की मार सबसे अधिक गरीबों पर पड़ी है। कोरोना पाबंदियों के कारण रोजगार प्रभावित हुआ है। इसका असर लोगों के जीवन स्तर पर भी पड़ा है। हालत यह है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत आवंटित गैस कनेक्शन में से मात्र एक तिहाई ग्राहक ही अपने सिलेंडर की रिर्फिंलग करा रहे हैं। राज्य में उज्जवला योजना के तहत लगभग 84 लाख 83 हजार गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 35 लाख 56 हजार कनेक्शन इंडियन आॅयल कॉपोर्रेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के हैं। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जनवरी से अप्रैल के बीच आईओसीएल से औसतन 10 लाख 68 हजार उज्ज्वला लाभुकों यानी 30 प्रतिशत ने ही गैस रिफिलिंग करायी। शेष 70 प्रतिशत कनेक्शन धारक अपने सिलेंडर की रिफिलिंग समय पर नहीं करा रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में गैस रिर्फिंलग नहीं कराने की समस्या ज्यादा है। गैस वितरकों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी और गोइठा एलपीजी का विकल्प साबित हो रहा है। राजधानी पटना में भी हालात बहुत अच्छे नहीं है। यहां भी लगभग 32 प्रतिशत उज्ज्वला ग्राहक अपने सिलेंडर को रिफिल करा रहे हैं। पटना में आईओसीएल द्वारा लगभग 74 हजार कनेक्शन दिए गए हैं।

बिहार एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गौतम भारद्वाज कहते हैं कि ग्रामीण इलाकों में उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर रिर्फिंलग कम हो रहा है। सिलेंडर रिर्फिंलग में एक मुश्त सात-आठ सौ रुपये देने में गरीबों को परेशानी होती है। वे सुझाव देते हैं कि उज्ज्वला योजना में रिर्फिंलग के लिए सब्सिडी पहले काटकर गैस की कीमत लेना चाहिए। कई उज्ज्वला ग्राहक 14 किलोग्राम सिलेंडर की जगह 5 किलोग्राम सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष इंटक सीपी सिंह कहते हैं कि पिछले साल से ज्यादा भयावह स्थिति है। कोरोना संक्रमण से कम आय वाले लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। उनके पास अभी लकड़ी तक खरीदने का पैसा नहीं है। गैस की बात तो छोड़ दीजिए। कच्चा राशन मिलने के बाद भी खाना पकाने में मुश्किलें हो रही है। थोड़ी बहुत जो जमा पूंजी थी, वह खत्म हो चुकी है। पिछले साल तीन उज्ज्वला सिलेंडर मुफ्त दिया गया था लेकिन इस बार कुछ नहीं मिला है। इंडियनऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की बिहार-झारखंड चीफ मैनेजर सीसी, योजना और समन्वय वीणा कुमारी ने कहा कि गैस आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं है। कंपनी के प्लांट पूरी क्षमता से चल रहे हैं। इस महामारी में भी कंपनी डोर टू डोर सिलेंडर उपलब्ध करा रही है।

You may have missed