- कायस्थों के हित की रक्षा के लिए अब तक का सबसे बड़ा संगठन है जीकेसी: राजीव रंजन
- दुनिया के 20 से अधिक देशों में रह रहे कायस्थ परिवार जुड़े जीकेसी से: राजीव रंजन
राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना/नई दिल्ली। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) ने देश भर में अपने संगठनात्मक ढांचा को मजबूत करने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों के तहत आज जोनल प्रभारियों का मनोनयन कर दिया और उनके नामों की विधिवत घोषणा कर दी गई। जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने आज यहां बताया कि जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने संपूर्ण भारत में कायस्थों के हितों की रक्षा के लिए संगठन को मजबूत करने के इरादे से उत्तरी पूर्वी दक्षिणी और पश्चिमी भारत के साथ-साथ केंद्रीय भारत के लिए आज जोनल प्रभारियों का मनोनयन किया है ेइसके तहत अखिलेश श्रीवास्तव को उत्तर भारत , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव को पूर्वी भारत ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुमार शिशिर सिन्हा को पश्चिमी भारत और डिजिटल मीडिया प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद सिन्हा को दक्षिणी भारत का जोनल प्रभारी बनाया गया है ।इसी प्रकार दीपक कुमार वर्मा को केंद्रीय भारत का जोनल प्रभारी मनोनीत किया गया है ।उन्होंने बताया कि जोनल प्रभारियों के मनोनयन से संबंधित जोन के अंतर्गत आने वाले राज्यों में ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के संगठनात्मक ढांचे को तेजी से खड़ा तथा मजबूत किया जा सकेगा और कायस्थों के हितों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि जोनल प्रभारियों के मनोनयन में सक्रिय तथा संगठन के प्रति समर्पित पदाधिकारियों को प्राथमिकता दी गई है ।उन्होंने बताया कि संगठन को सभी स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रमंडल राज्य तथा जोन स्तर पर प्रभारियों का मनोनयन कर दिया गया है और उन्हें सदस्यता अभियान के साथ-साथ कांफ्रेंस के सात सूत्री आयामों को प्रभावी ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया गया है।
श्री प्रसाद ने बताया कि जीकेसी कायस्थों के हितों की रक्षा और विविध प्रकार से उन्हें शिक्षा, व्यापार, रोजगार, कला संस्कृति, खेल, मनोरंजन मीडिया एवं राजनीति से जोड़ने के लिए पूरे विश्व में अब तक के सबसे बड़े संगठन के रूप में सामने आने के उद्देश्यों को लेकर कार्य कर रहा है । यही कारण है कि देश के सुदूरवर्ती राज्यों के अलावा 20 से अधिक देशों के चित्रांश परिवार के सदस्य तेजी से जीकेसी से जुड़ रहे हैं।


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