राष्ट्रनायक न्यूज। राजनीतिक हिसाब से देखें तो पिछला सप्ताह बेहद दिलचस्प रहा। आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार चलता रहा। राम मंदिर निर्माण से जुड़े भूमि विवाद का मामला सामने आया तो वही ट्विटर को लेकर भी देश में हलचल रही। बिहार की राजनीति में एक बार फिर से उथल पुथल देखने को मिली। इन्हीं विषयों को लेकर हमने प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में चर्चा की। चर्चा में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। राम मंदिर निर्माण तथा भूमि विवाद से जुड़े मसले पर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि विपक्ष यहां राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। मामला बिल्कुल साफ है। कहीं भी किसी भी प्रकार का घोटाला इसमें नहीं नजर आ रहा है। ट्रस्ट की ओर से विपक्ष के हर आरोप का बिंदुवार जवाब दिया गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए विपक्ष इस तरह की राजनीति कर रहा है। ट्विटर मसले पर नीरज दुबे ने कहा कि जाहिर सी बात है कि ट्विटर अगर हमारे यहां आकर व्यापार करता है तो उसे यहां का कानून भी मानना होगा। अगर ट्विटर अमेरिका में है तो अमेरिका का कानून मानता है। जापान में है तो जापान का कानून मानता है। अन्य देशों में है तो वहां के कानून मानता है। पर भारत में रहकर भारत का कानून क्यों नहीं मानेगा? ट्विटर को हमारे कानून के हिसाब से चलना चाहिए। ट्विटर को समाज की संवेदनशीलता को समझते हुए गलत चीजों के प्रसार को रोकना चाहिए।
बिहार में लोजपा में हुई बगावत को लेकर नीरज कुमार दुबे ने साफ तौर पर कहा कि रामविलास पासवान की अनुपस्थिति में यह सब चीज शोभा नहीं देती है। पार्टी को एकजुट रहना चाहिए था। एक साथ रहना चाहिए था और मजबूती के लिए काम करना चाहिए था। हालांकि नीरज दुबे ने इस बात को स्वीकार किया कि चिराग पासवान की आज जो हालत हुई है उसके वह जिम्मेदार खुद हैं। वह पार्टी को लेकर अपनी सक्रियता नहीं दिखा रहे थे। उनकी जीवनशैली अलग है और लोगों से कम मिलते जुलते हैं। ऐसे में महत्वाकांक्षा रखने वाले नेताओं को एक मौका मिला और वह गुटबाजी करने में सफल रहे। जदयू की भूमिका को लेकर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि जब आप कमजोर होंगे तो कोई भी के घर को तोड़ सकता है। आपको बता दें कि चिराग पासवान के खिलाफ लोजपा के 5 सांसदों ने बगावत कर ली। पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बना दिया गया। चिराग पासवान पार्टी अध्यक्ष का दावा करते रहे और यह भी कहते रहे की पार्टी उन्हीं की है उनके पिता की है। अध्यक्ष के नाते चिराग में पांचो बागी सांसदों को निलंबित कर दिया। दूसरी ओर चाचा पशुपति पारस लगातार दावा कर रहे हैं कि असली पार्टी उन्हीं के पास है। पशुपति पारस ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई। बैठक में उन्हें अध्यक्ष बनाया गया।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर न्यास द्वारा खरीदी गई भूमि की प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार के मामले को अदालत में लेकर जाने की तैयारी कर रहे हैं। सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ह्लमैंने इस भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद केंद्र और भाजपा का तीन दिन तक इंतजार किया कि वह कार्रवाई करेंगे। मुझे समझ में आ गया है कि भाजपा प्रॉपर्टी डीलरों में विश्वास रखती है न कि भगवान राम में। मैं इस मामले को अदालत में लेकर जाने की तैयारी कर रहा हूं।ह्व सिंह ने आरोप लगाया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या के बाग बैसी गांव में 1.208 हेक्टेयर भूमि 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी जबकि उसकी कीमत दो करोड़ रुपये है। सिंह ने कहा कि इसमें राय का साथ न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने दिया। सांसद ने दावा किया कि उक्त भूमि को उन लोगों से खरीदा गया था जिन्होंने उसे कुछ मिनट पहले दो करोड़ रुपये में खरीदा था। सिंह ने इस मामले में सीबीआई और ईडी से जांच करवाने की भी मांग की। राय ने इन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है। सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर न्यास ने भूमि खरीद विवाद पर रविवार रात को अपना स्पष्टीकरण केंद्र सरकार को भेजा और कहा कि न्यास ने जमीन के लिए वर्तमान दर से अधिक मूल्य नहीं चुकाया। सिंह ने मांग की है कि भाजपा और न्यास के सदस्य करोड़ों हिन्दुओं से माफी मांगें।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया कि जिन्होंने भगवान राम को काल्पनिक बताया तथा रामभक्तों के खून से होली खेली, ऐसे लोग राम मंदिर के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। आगरा पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर उठे विवाद पर जमकर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के नाम पर विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है। फर्जी अफवाह फैलाई जा रही हैं लेकिन राम भक्त अपनी जगह पर अडिग हैं। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सपा सरकार ने राम भक्तों के खून से होली खेली है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने उच्च्तम न्यायालय में राम को काल्पनिक बताया था, जनता यह सब अच्छी तरीके से समझती है। मौर्य ने कहा कि विरोधी पार्टियां इसलिए अफवाह फैला रही हैं क्योंकि अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर कहा कि उच्चतम न्यायालय को अपनी निगरानी में इस मामले की जांच करानी चाहिए। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन सिर्फ पांच मिनट के बाद प्रधानमंत्री जी द्वारा बनाए गए श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से 18.5 करोड़ रुपये में खरीद ली गई। यानी जमीन की कीमत 5.5 लाख रुपये प्रति सेकंड की दर से बढ़ गई। यह सारा पैसा हिंदुस्तान की जनता द्वारा मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में दिया गया था। ’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘जमीन की खरीदी-बिक्री से सम्बंधित बैनामे और रजिस्ट्री में गवाहों के नाम समान हैं। एक गवाह मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं, जो आरएसएस के पूर्व प्रांतीय कार्यवाहक रहे हैं और दूसरे गवाह भाजपा नेता एवं अयोध्या के महापौर हैं।’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा के मुताबिक, खबरों में कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी की ओर से भी ट्रस्ट के संचालन में मनमानी तथा अपारदर्शिता का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सोमवार को कहा कि भगवान राम के नाम पर धोखा करना अधर्म है। उन्होंने ट्वीट किया कि श्रीराम स्वयं न्याय हैं, सत्य हैं, धर्म हैं। उनके नाम पर धोखा अधर्म है!
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। कांग्रेस ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की तो भाजपा ने कहा कि यह राम जन्मभूमि को बदनाम करने तथा मंदिर निर्माण में अवरोध पैदा करने का प्रयास है। भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि यह एक ‘बड़ा घोटाला’ है। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग भी की। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडे ने रविवार को आरोप लगाया था कि 18 मार्च, 2021 को अयोध्या में एक भूखंड का दो करोड़ रुपये में बैनामा कराया गया और इसके कुछ मिनटों बाद ही श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह जमीन 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये राजनीति से प्रेरित हैं और इनका मकसद दुष्प्रचार फैलाना है। राय ने इस बात पर जोर दिया कि इस जमीन को खरीदने के लिए किए गए लेनदेन में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। हालांकि, विपक्षी दलों ने उनके दावे पर सवाल खड़े किए।
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने इस विषय पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘राम मंदिर निर्माण के लिए इस ट्रस्ट का गठन देश के उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर किया गया है। जब यह घोटाला और इसके तथ्य सामने हैं, तो देशवासियों की ओर से हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री उपरोक्त सवालों का देश को जवाब दें तथा देश के प्रधान न्यायाधीश व उच्चतम न्यायालय पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायालय की निगरानी में जांच करवाएं।’’ उन्होंने यह मांग भी की, ‘‘उच्चतम न्यायालय मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में आॅडिट करवाए , मंदिर निर्माण के लिए मिले चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत के आंकलन के बारे भी जांच करे तथा न्यायालय देशवासियों व भक्तजनों के समक्ष वह आॅडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे।’’ इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकतार्ओं ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के निकट प्रदर्शन भी किया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस जमीन के सौदे में कथित भ्रष्टाचार के दावे का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राम मंदिर के लिए मिले चंदे का दुरुपयोग करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान और अधर्म है। विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता और पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाली पार्टियां भूमि सौदे को लेकर फर्जी आरोप लगा रही है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, इस बारे में आधिकारिक जवाब (भूमि की खरीद में कथित भ्रष्टाचार का) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी देंगे। मैं एक लाइन में कहूंगा कि विपक्ष में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें राम जन्मभूमि का कोई भी प्रकरण बिलकुल भी नही सुहाता है। कभी-वे कहते थे कि भगवान राम काल्पनिक हैं और रामसेतु का अस्तित्व नहीं था। राम जन्मभूमि के बारे में शुरू से उनका (विपक्ष) यही प्रलाप रहा है। शर्मा ने कहा, जब राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी बाधाओं को हटा दिया गया, तो विपक्ष ने अनर्गल प्रलाप शुरू कर दिया औरवे राम जन्मभूमि को बदनाम करने का कोई भी मौका छोड़ने से पीछे नही हटते हैं।
भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि इस भूमि सौदे में पूरी पारदर्शिता बरती गई। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रभु श्री राम मंदिर बनने का दर्द तो कुछ राजनीतिक परिवारों में तो झलकना ही था… ये लोग समाज को गुमराह करने के लिए झूठा प्रचार कर रहे हैं। जमीन की खरीद पूरी पारदर्शिता के साथ की गई है।’’ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इस भूखंड की खरीद को ‘घोटाला’ करार देते हुए कहा कि मंदिर का निर्माण लोगों के चंदे से किया जा रहा है, ऐसे में उनकी मेहनत की कमाई के पैसे का दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि इस बारे में ट्रस्ट तथा अन्य नेताओं को ‘‘स्पष्टीकरण’’ देना चाहिए। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने उनसे बात की है और उन्होंने जो ‘‘साक्ष्य दिए हैं, वे स्तब्ध करने वाले हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति भाजपा की तरफ से की गई थी। भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदने में हुए कथित घोटाले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित करने के सिलसिले में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर, एक समाचार पोर्टल और छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस वीडियो में एक बुजुर्ग मुस्लिम गाजियाबाद में कुछ लोगों के कथित हमले के बाद अपनी व्यथा सुनाता दिख रहा है। गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई और उसके आधार पर मंगलवार रात करीब 11.30 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो को सांप्रदायिक अशांति भड़काने के इरादे से साझा किया गया था। सोशल मीडिया पर 14 जून को सामने आए वीडियो क्लिप में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया कि कुछ युवकों ने उसकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा। गाजियाबाद पुलिस ने मामले में कोई सांप्रदायिक पहलू होने से इनकार किया और कहा कि आरोपी उस ताबीज से नाखुश थे जो सैफी ने उन्हें बेचा था। पुलिस ने मुसलमानों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार युवकों की पहचान कल्लू और आदिल के रूप में हुई है। उनके अलावा पोली, आरिफ, मुशाहिद और परवेश गुर्जर भी इस घटना में शामिल थे। पुलिस ने बाद में मंगलवार को क्लिप साझा करने कोलेकर ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकारों मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस के नेताओं सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी, डॉ शमा मोहम्मद और लेखिका सबा नकवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘इन लोगों ने मामले की सच्चाई की पुष्टि नहीं की और सार्वजनिक शांति को बाधित करने एवं धार्मिक समूहों के बीच विभाजन के इरादे से इसे सांप्रदायिक पहलू देकर आॅनलाइन साझा किया।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, ट्विटर इंक और ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया ने भी इन ट्वीट को हटाने के लिए कोई उपाय नहीं किया।’’ प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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