विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर कार्यशाला का किया गया आयोजन, विशेषज्ञों ने कहा- घातक बीमारियों का जड़ है तम्बाकू सेवन
• पुरुषों के साथ महिलाओं में भी है तम्बाकू सेवन की आदत
• मजबूत इच्छाशक्ति व लोगों के सहयोग से छूट सकेगा तम्बाकू की लत
• तम्बाकू रोकने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है कानून
पूर्णियाँ। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जिला सदर अस्पताल के डीआईओ कार्यालय में जागरूकता हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को तम्बाकू से होने वाले बीमारियों और उससे बचाव के उपाय की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में सभी अधिकारियों को एक सप्ताह तक अपने क्षेत्र में तम्बाकू निषेध को लेकर जागरूकता फैलाने और लोगों को तम्बाकू की लत छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने को लेकर उत्साहित करने कहा गया. कार्यशाला में एसीएमओ डॉ. एस. के. वर्मा डीआईओ सुभाष चंद्र पासवान, एनसीडी पदाधिकारी भी. पी. अग्रवाल, डीएमओ आर. पी. मंडल, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला के साथ ही अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे.
घातक बीमारियों की जड़ है तम्बाकू सेवन :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया तम्बाकू सेवन बहुत सी घातक बीमारियों का जड़ है. कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है . फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है. क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की प्रभावना ज्यादा होती है. दुनियाँ में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है. खैनी, पुड़िया, जर्दा, पिलापत्ति आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है. इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है.
देख देख कर तम्बाकू सेवन की शुरुआत करते हैं लोग :
कार्यशाला में डीआईओ सुभाष चंद्र पासवान ने कहा कि तम्बाकू सेवन की शुरुआत लोग एक-दूसरे को देखकर ही करते हैं. बच्चों में भी इसकी शुरुआत ज्यादातर परिवार में अन्य लोगों को देख कर ही होती है. इसे खत्म करने के लिए लोगों को इसकी सही जानकारी का होना जरूरी है कि ऐसे पदार्थों के सेवन से उसका कितना बड़ा नुकसान हो सकता है. जिस दिन लोगों को इसकी जानकारी अच्छी तरह से हो जाएगी, वह तम्बाकू सेवन करना बंद कर देंगे.
महिलाओं में भी है तम्बाकू सेवन की लत :
एनसीडी अधिकारी डॉ. भी. पी. अग्रवाल ने बताया कि आज के समय में भी महिलाओं को तम्बाकू सेवन करते हुए पाया जाता है. इससे न सिर्फ उनको, बल्कि उसके परिवार और होने वाले बच्चे पर भी बुरा असर पड़ सकता है. बच्चे के ग्रोथ का रुक जाना, मानसिकता का शिकार होना जैसे अन्य विकार भी उन्हें हो सकते हैं. इससे बचने के लिए उन्हें तम्बाकू की लत को पूरी तरह खत्म करना ही कारगर उपाय होगा. इससे पूरे परिवार पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
मजबूत इच्छाशक्ति से छूट सकता है लत :
कार्यशाला में मनोचिकित्सक डॉ. आर. के. भारती ने कहा कि तम्बाकू की लत बहुत खराब होती है. एक बार अगर कोई व्यक्ति इसका शिकार हो जाता है तो फिर इससे निकलना मुश्किल होता है. प्रतिदिन उन्हें इसकी पिछले अन्य दिनों से ज्यादा मात्रा की जरूरत लगने लगती है. इससे निकलने के लिए कोई चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. जब तक आदमी यह ठान न ले कि मुझे इससे निकलना ही है तब तक यह सम्भव नहीं है. चिकित्सकीय उपचार, मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ही परिवार व आसपास के लोगों का सपोर्ट भी इसके लिए जरूरी है. तभी कोई व्यक्ति इससे बाहर निकल सकता है.
सरकार द्वारा तय किया गया है कानून :
एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया कि तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून का भी निर्धारण किया गया है. इसके लिए तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा लागू किया गया है. कोटपा के तहत तम्बाकू के गलत इस्तेमाल से उसपर कानूनी कार्यवाही के साथ ही आर्थिक दंड का भी सरकार द्वारा निर्धारण किया गया है. इसके लिए धारा 4, 5, 6 तथा 7 लगाया गया है.


More Stories
हर घर दस्तक देंगी आशा कार्यकर्ता, कालाजार के रोगियों की होगी खोज
लैटरल ऐंट्री” आरक्षण समाप्त करने की एक और साजिश है, वर्ष 2018 में 9 लैटरल भर्तियों के जरिए अबतक हो चूका 60-62 बहाली
गड़खा में भारत बंद के समर्थन में एआईएसएफ, बहुजन दलित एकता, भीम आर्मी सहित विभिन्न संगठनों ने सड़क पर उतरकर किया उग्र प्रदर्शन